Photo Quiz: टमाटर भूल जाएं, उससे कई गुना महंगी बिक रही ये सब्जी, दाम सुनकर चौंक जाएंगे आप

Photo Quiz: टमाटर भूल जाएं, उससे कई गुना महंगी बिक रही ये सब्जी, दाम सुनकर चौंक जाएंगे आप

छत्तीसगढ़ की शुद्ध देसी खुखड़ी इन दिनों अंबिकापुर में 1200 से 2000 रुपये प्रति किलो बिक रही है. काफी महंगी होने के बाद भी बाजारों में इसकी भारी डिमांड है. इसे खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की लाइन लग रही है. इसकी वजह है कि यह सब्जी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है.

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Photo Quiz: टमाटर भूल जाएं, उससे कई गुना महंगी बिक रही ये सब्जी, दाम सुनकर चौंक जाएंगे आपछत्तीसगढ़ में बिक रहा टमाटर के भी कई गुना मंहगा सब्जी, कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप

शाकाहारी सब्जियों में यदि सबसे महंगी सब्जी की बात की जाए तो पनीर का नाम सबकी जुबां पर आता है. लेकिन पिछले दो महीने से टमाटर की कीमत ने हाहाकार मचा रखा है. फिलहाल 200 से लेकर 250 रुपये किलो तक टमाटर की कीमत पहुंच चुकी है. लेकिन एक ऐसी सब्जी है जो इन सभी सब्जियों को कीमतों में पीछे छोड़ चुकी है. वो सब्जी इन दिनों छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बाजारों में बिक रही है. इसकी कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. इस सब्जी का नाम है खुखड़ी (देसी मशरूम) और इसकी कीमत है 1200  से 2000 रुपये प्रति किलो. आश्चर्य की बात यह है कि इस सब्जी की खेती नहीं होती है और यह सब्जी जंगलों में पाई जाती है. खास तौर पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा और बस्तर के जंगलों में इसे पाया जाता है.

शुद्ध देसी खुखरी में दाल से भी अधिक प्रोटीन होता है. हाई प्रोटीन और मिनरल्स होने के कारण यह शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाती है. इसी वजह से बाजारों में इस सब्जी के महंगा होने के बाद भी काफी डिमांड है. 

खुखरी की है भारी डिमांड

छत्तीसगढ़ की शुद्ध देसी खुखड़ी इन दिनों अंबिकापुर में 1200 से 2000 रुपये प्रति किलो बिक रही है. काफी महंगा होने के बाद भी बाजारों में इसकी भारी डिमांड है. इसे खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की लाइन लग रही है. इसके पीछे इसका विशिष्ट स्वाद और पौष्टिकता है जिसके कारण हर साल बाजारों में इसकी काफी मांग रहती है. यह मिश्रित वन, लाल मिट्टी और दीमक के टीलों में तैयार होती है. ग्रामीण इस सब्जी को लेकर शहर में पहुंच रहे हैं जहां हाथों-हाथ यह बिक रही है. दरअसल अंबिकापुर (सरगुजा) जिले में साल और सागौन के मिश्रित वन होने के कारण दीमक का प्रकोप यहां ज्यादा देखने को मिलता है. यही दीमक इस पौष्टिक और स्वादिष्ट खुखड़ी का उत्पादन करने में मदद करते हैं.

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दीमक से अच्छी होती है पैदावार

युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा का कहना है कि खुखड़ी बहुतायत में दीमक के टीलों के पास पाए जाते हैं. दीमक को ही इसका जनक माना जा सकता है. सरगुजा में साल और सागौन के मिश्रित वन हैं. मिश्रित वनों में 15 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक खुखड़ी सब्जी उगती है. खुखड़ी को स्थानीय बोली में ‘पिहरी’ के नाम से भी जाना जाता है. इसके विशिष्ट स्वाद और पौष्टिकता के कारण प्राकृतिक रूप से मिलने वाले मशरूम को लोग काफी पसंद करते हैं.

अगस्त-सितंबर में मिलती है सब्जी

बाजार में सब्जी वाले ने बताया कि खुखड़ी सब्जी अगस्त और सितंबर में ही बिकती है. इसकी खेती नहीं होती है. उन्होंने बताया कि इस सब्जी को वे सरगुजा के जंगलों से लेकर आते हैं. ग्राहक बताते हैं कि टमाटर तो आज महंगा हुआ है और कल सस्ता हो जाएगा पर ये देसी सब्जी केवल एक ही महीने बाजार में मिलती है और इसकी कीमत 1200 से 2000 रुपये किलो तक चली जाती है. जो लोग इसके शौकीन हैं, इसे महंगे रेट पर भी खरीद कर खाते हैं.(सुमित सिंह की रिपोर्ट) 

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