महिलाओं को उद्यम के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार डिजिटल बैंकिंग यूनिट बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए बैंक और बीमा कंपनियां कैंपेन शुरू करेंगी. इससे पीएम स्वनिधि, लखपति दीदी जैसी प्रमुख योजनाओं का लाभ तेजी से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिला कारोबारियों को मिल सकेगा और उनकी वित्तीय जरूरत, फाइनेंशियल ट्रेनिंग, कारोबार सलाह, बीमा कवरेज की सुविधा देने के साथ ही इसके प्रति जागरूता भी बढ़ाई जाएगी.
सरकार बिजनेस सेक्टर में वित्तीय एडजस्टमेंट स्ट्रेटजी के अगले वर्जन को तैयार कर रही, जो महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और पीएम स्वनिधि जैसी प्रमुख योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा. रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए बैंक और बीमा कंपनियां अभियान शुरू करेंगी और पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) का लाभ उठाएंगी. इसके लिए तिमाही टारगेट के साथ रोडमैप बनाया जा रहा है, जो महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और फाइनेंस करने के लिए लोन, सलाह, बीमा कवरेज और वित्तीय जागरूकता के जरिए सुरक्षा मिल सकेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अंतरिम बजट में 'लखपति दीदी' योजना का लक्ष्य मौजूदा 20 मिलियन से बढ़ाकर 30 मिलियन कर दिया था. इस योजना का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने गांवों के भीतर छोटे कारोबार स्थापित करके प्रति वर्ष कम से कम 1 लाख रुपये की स्थायी कमाई करने के लिए ट्रेंड करना है. इसके अलावा पीएम स्वनिधि योजना के जरिए महिला उद्यमियों को वित्तीय मदद को बढ़ाना और आसान करना है.
सरकार के प्लान के तहत योजनाओं के लाभार्थियों को डिजिटल तरीके से बैंकों से जोड़ना है, ताकि उनके खाते खोले जा सकें और निष्क्रिय खातों की संख्या को कम किए जाने पर भी फोकस होगा. योजनाओं के लाभार्थी डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ाना भी लक्ष्य है. इसके लिए डिजिटस बैंकिंग यूनिट (डीबीयू) को स्थापित किया जाएगा. इसके तहत बैंक और बीमा कंपनियां विशेष अभियान भी चलाएंगे और लोन आवेदनों और बीमा पॉलिसियों के लिए सरल और आसान तरीके से दस्तावेजों की उपलब्धता पक्का करेंगे. एक्सपर्ट का कहना है कि फाइनेंशियल ट्रेनिंग और कोचिंग प्रोग्राम महिलाओं के लिए वित्तीय रूप से आगे लाने में अहम रोल निभाएंगे.
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