इस साल गुजरात में मूंगफली के उत्पादन में बंपर बढ़ोतरी होने का अनुमान है. दरअसल, ये बात अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया. उन्होंने कहा कि गुजरात राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष मूंगफली का उत्पादन 50.85 लाख मीट्रिक टन था. वहीं, सरकार के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस वर्ष मूंगफली का उत्पादन बढ़कर 66 लाख टन रहने का अनुमान है.
शंकर ठक्कर ने कहा कि मूंगफली का उत्पादन बढ़ने से तेल के दाम घटेंगे, यह बात पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता. स्वास्थ्य के लिए मूंगफली का तेल बहुत अच्छा है, लेकिन दुर्भाग्यवश भारत बड़े पैमाने पर मूंगफली और मूंगफली तेल का निर्यात करता है. उसी के आसपास के दाम पर पाम ऑयल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल का आयात करता है. सरकार जब मूंगफली को समर्थन मूल्य पर खरीदती है, तो उस दौरान मूंगफली के बाजार भाव ऊंचे बने रहते हैं, क्योंकि सरकारी खरीद से बाजार में एक तरह की कृत्रिम कमी पैदा हो जाती है.
उन्होंने कहा कि ऑयल मिल वाले ऊंचे दाम पर मूंगफली नहीं खरीद सकते, क्योंकि ऊंचे दाम पर तेल नहीं बिकता है. नतीजतन मूंगफली और तेल विदेशों में खासकर चीन और खाड़ी देशों में निर्यात हो जाता है. अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो इस साल मूंगफली का उत्पादन बढ़ने के बावजूद, ऐसा नहीं लगता कि मूंगफली तेल के दाम घटेंगे.
गुजरात के सौराष्ट्र में नई मूंगफली आवक में वृद्धि हो रही है और खास करके अभी गोंडल में ही आवक बढ रही है. राजकोट में भी थोडी बहुत आवक हो रही है. लेकिन सोमवार से पूरे सौराष्ट्र में मूंगफली की आवक में वृद्धि होगी. सौराष्ट्र में धूप निकलने से मूंगफली निकालना शुरू हो गया है, जिसके कारण बाजार में बिकने वाली मूंगफली बढ़ सकती है. मुंगफली की बाजार में अभी बड़ी तेज-मंदी के संकेत नहीं दिख रहा है. आज मूंगफली की आवक के सामने भाव स्थिर थे.
प्रदेश में नई मूंगफली की आवक के बीच विदेशी तेलों के दाम बढ़ने से तेल लूज में 1330 रुपये के भाव से 350-400 टन के व्यापार होने से बाजार को सपोर्ट मिला है. अगर एसे ही व्यापार चालु रहेंगे तो मूंगफली तेल लूज के भाव 1325 रुपये प्रति 10 किलो के नीचे जाने की संभावना कम है. नवरात्रि के बाद नए मूंगफली तेल की थोड़ी बहुत आवक शुरू होने की संभावना है.
गोंडल में अब नई मूंगफली की ही आवक हो रही है. आज गोंडल मंडी में 16000 बोरी मूंगफली की आवक हुई थी. राजकोट मंडी में 3500 बोरी (1 बोरी=35 kg) आसपास की आवक हुई थी. सौराष्ट्र में आज कुल मिलाकर 22000-23000 बोरी आसपास मूंगफली की आवक थी. शंकर ठक्कर ने आगे कहा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल के दाम यदि ऊपर रहे तो बंपर उत्पादन होने के बावजूद मूंगफली तेल के दाम गिरने के आसार कम है.
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