Navratri 2023: क्या 'कुट्टू' भी है मोटा अनाज! एक्सपर्ट ने दूर की कन्फ्यूजन

Navratri 2023: क्या 'कुट्टू' भी है मोटा अनाज! एक्सपर्ट ने दूर की कन्फ्यूजन

कुछ लोगों का मानना है कि कुट्टू भी मिलेट्स की श्रेणी में आता है. वहीं, कुछ लोग इस बात से इंकार करते हैं. ऐसे में लोगों को कन्फ्यूजन है कि क्या सही में कुट्टू मिलेट्स की श्रेणी में आता है. इस बात में कितनी सच्चाई है एक्सपर्ट से जानें.

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Navratri 2023:  क्या 'कुट्टू' भी है मोटा अनाज! एक्सपर्ट ने दूर की कन्फ्यूजनkuttu

नवरात्रि का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग श्रद्धा के साथ उपवास रखते हैं. इसमें कुछ लोग उपवास की शाम को फलाहार लेते हैं. फलाहार लेने वाले लोग शाम को कुट्टू के आटे की रोटी, पूड़ियां या पकौड़े बनाकर खाते हैं. हालांक‍ि कुछ लोग कुट्टू से बने फलाहार का व‍िरोध भी करते हैं. ऐसे लोगों का मानना है क‍ि कुट्टू फलाहार नहीं मोटा अनाज है, ज‍िसे खाने से फलाहार वाला उपवास खंड‍ित या टूट सकता है. इस कन्फ्यूजन का आज तक अंत नहीं हो पाया है, ज‍िसे देखते हुए क‍िसान तक ने इस कन्फ्यूजन को खत्म करने की पहल की है, ज‍िसके तहत आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क‍ि कुट्टू मोटा अनाज है या इसका फलाहार के तौर पर सेवन क‍िया जा सकता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट             

भारत सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने साल 2023 को 'अंतराराष्ट्रीय ईयर ऑफ मिलेट्स' घोष‍ित क‍िया है. ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि कुट्टू भी मिलेट्स की श्रेणी में आता है. वहीं, कुछ लोग इस बात से इंकार करते हैं. ऐसे में लोगों को कन्फ्यूजन है कि क्या सही में कुट्टू मिलेट्स की श्रेणी में आता है. इस बात में कितनी सच्चाई है, ये जानने के लिए किसान तक ने एक्सपर्ट पल्लवी उपाध्याय से बात की. एक्सपर्ट पल्लवी उपाध्याय का कहना है कि कुट्टू मिलेट्स की श्रेणी में नहीं आता है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर लोगों को लिटिल मिलेट यानी कुटकी और कुट्टू में कन्फ्यूजन हो जाती है क्योंकि दोनों के नाम मिलते-जुलते हैं. वहीं, सरकार की तरफ से भी अभी तक कुट्टू को मिलेट की श्रेणी में नहीं शामिल किया गया है. 

कुट्टू के फायदे 

कुट्टू में फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण इससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं. साथ ही कूट्टू में कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल बहुत कम मात्रा में होता है, जिससे वेट लूज में मदद मिलती है. इसके अलावा कम कैलोरी और फैट मुक्त यह आटा ब्लड शुगर भी कंट्रोल करता है. ऐसे में नाश्ते में इसका सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए बेस्ट ऑप्शन है. प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों और दांतों को मजबूत भी बनाता है.

कुट्टू मैग्नीशियम का सबसे बढ़िया स्रोत है, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देकर रक्तचाप को कंट्रोल करता है. इसमें मौजूद प्रोटीन पित्त में मौजूद पथरी के गठन और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इससे शरीर में बाइल एसिड का निर्माण होता है, जो पथरी से छुटकारा दिलाता है. शोध के अनुसार, कुट्टू जैसे होल ग्रेन्स अस्थमा का करीब 50% जोखिम कम करते हैं. इसमें मैग्नीशियम और विटामिन- ई भरपूर होता है जो अस्थमा से बचाने में कारगार है. 

होते हैं नुकसान भी

हर चीज के कुछ फायदे होते हैं. वहीं उसके नुकसान भी होते हैं. जिन लोगों को कुट्टू से एलर्जी हो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इससे उल्टी, घबराहट, चक्कर और सांस लेने में दिक्कत होती है. अधिक मात्रा में इसका सेवन पेट में ऐंठन और गैस का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है. इरिटबल बोवेल सिंड्रोम से पीड़ित लोग इसका सेवन न करें. बासी कूट्टू का आटा खाने से कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है. इससे फूड पॉइजनिंग का खतरा भी रहता है. 

 

 

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