वर्ष 2023 के शुरू होने के साथ ही इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स की शुरुआत हो गई है. इसी कड़ी में आज बात करते हैं मोटे अनाजाें में शामिल बाजरे की, जो भारत की एक प्रमुख मोटे अनाज की फसल है. अगर सीधे और सरल शब्दों में कहा जाए तो भारत को बाजरे का बादशाह कहा जा सकता है. भारत और बाजरे का संबंध बहुत पुराना है. भारत में बाजरे की पहली बार खेती 1500 ईसा पूर्व से होने के सबूत मिलते हैं. इसकी खेती के लिए किसी विशेष प्रकार के तैयारी के साथ नहीं की जाती बल्कि असिंचित भूमि में बाजरे की खेती को बढ़ावा दिया जाता है. बाजरे की खेती पर जलवायु का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है. यही कारण है कि देश के हर कोने में बाजरे की खेती संभव है.
भारत ने ही बाजरे की पहली हाइब्रिड किस्म विकसित की है. यह किस्म पौष्टिक गुणों से भरपूर है इसके सेवन से शरीर का वृद्धि और विकास को मदद मिलेगी साथ ही कुपोषण जैसे खतरे से निपटा जा सकता है. इसके अलावा भारत कई मामले में बाजरे में अव्वल है. आईये जानते हैं कि बाजरे में भारत की बादशाहत से जुड़ी छोटी-छोटी और मोटी-मोटी बातें.
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भारत में बाजरे की खेती सबसे अधिक राजस्थान में की जाती है इसका कारण है कि राजस्थान में खेतों की सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है भूमि असिंचित हो जाती है ज्यादातर किसान केवल वर्षा जल पर ही निर्भर रहते हैं ऐसी स्थिति में बाजरे की खेती को प्राथमिकता देते हैं. बाजरा हर परिस्थिति से लड़कर अच्छी पैदावार देता है. वहीं बात करें पूरे भारत में बाजरे के उत्पादन की तो भारत बाजरे का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक देश है.
भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मोटे अनाजों को महत्व दिया जा रहा है विदेशों में भी इसका प्रचार- प्रसार जोर- शोर से किया जा रहा है. बाजरा प्रमुख मोटे अनाजों में से है, इसमें खनिज लवणों के साथ कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं. स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए इस अनाज का सेवन बहुत ही लाभदायक होता हैं यही कारण है कि दुनियाभर में इसका उपयोग किया जा रहा है. बाजरा वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा उगाए जाने वाला छठवां मोटा अनाज है. बाजरे को कई तरह से खाया जा सकता है.
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