प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 75 साल के हो रहे हैं, तब उनके शासनकाल की कई बड़ी योजनाओं की चर्चा होती है. इनमें से सबसे अहम है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) जिसे किसानों की आर्थिक मदद और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था. यह योजना न सिर्फ छोटे और सीमांत किसानों की आय को स्थिर करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती भी देती है. आज भी प्रधानमंत्री मोदी किसानों को केंद्र में रखकर नीतियां बनाने पर जोर देते हैं. पीएम किसान योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिसने देश के करोड़ों किसानों की जिंदगी में सीधा बदलाव लाया है. यह योजना साबित करती है कि यदि किसान मजबूत होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था और भविष्य दोनों सुरक्षित रहेंगे.
पीएम मोदी ने 2019 में पीएम-किसान योजना की शुरुआत की थी. अब तक इस योजना की 20 किस्त जारी हो चुकी हैं. इसके तहत किसानों के बैंक अकाउंट में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. इसका मुख्य उद्देश्य था देश के छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना. लंबे समय तक किसानों को उनकी मेहनत की पूरी कीमत नहीं मिल पाती थी, ऊपर से कर्ज और फसल खराब होने जैसी समस्याएँ उन्हें और कमजोर करती थीं. इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने तय किया कि सीधे किसानों के बैंक खाते में सहायता राशि पहुंचाई जाएगी, ताकि बिचौलियों की दिक्कत खत्म हो और किसान सीधे लाभ उठा सकें.
पीएम मोदी ने कई बार कहा है कि किसान देश की रीढ़ हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल किया गया. यह केवल पैसे देने की योजना नहीं है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है. योजना के चलते किसानों के बीच सरकार के प्रति भरोसा और जुड़ाव भी बढ़ा है.
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