
अगर आप अमरूद खाने के शौकीन है तो इस बार सर्दी सिर्फ गुलाबी ठंड और कुहासे की नहीं होगी, बल्कि इलाहाबादी अमरूदों की रसमलाई जैसी मिठास से भी भरपूर होगी. इसके लिए प्रयागराज के बागों में एक खास तैयारी चल रही है. ऐसी तैयारी, जो आपके स्वाद की दुनिया ही बदल सकती है. जी हां! वो अमरूद, जो पहले ही पूरे देश में अपनी खुशबू और स्वाद के लिए मशहूर हैं, अब स्वाद में रसमलाई जैसी कोमल मिठास और शीरे जैसी चिकनाई लिए होंगे. इसके लिए उद्यान विभाग ने इस बार अमरूदों की मिठास और क्वालिटी को बढ़ाने के लिए चार अनोखे प्रयोग किए हैं. हर एक प्रयोग स्वाद के स्तर को एक नया मुकाम देने वाला है. आइए जानते हैं क्या हैं वो प्रयोग.
पिछली बार महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के अमरूदों ने रसगुल्ले जैसी मिठास दी थी. लेकिन इस बार उसकी क्वालिटी बढ़ाने के लिए चार स्तर के प्रयोग किए गए हैं, जिससे हर अमरूद में रसमलाई जैसा स्वाद घुल जाएगा. दरअसल, बरसाती फसल को नष्ट कर, सारी ऊर्जा सर्दी की फसल में लगाई जा रही है. साथ ही किसानों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि उत्पादन मीठा हो. इसके अलावा बागों में फूड ट्रिपिंग डिवाइस लगाए गए हैं ताकि फलों पर कीड़े भी ना भटकें.
उद्यान अधिकारी वीके सिंह के मुताबिक कि इस बार की मेहनत पिछले साल से कई गुना ज्यादा है. पेड़ों की टहनियों को झुका कर बांधा गया है. साथ ही 10 फीसदी यूरिया से बरसात की फसल हटाई गई है और मई में की गई छंटाई से नई कोपलें तैयार की गई हैं. मतलब, इस सर्दी बागों से जो अमरूद निकलेगा, वो स्वाद में लाजवाब होगा. इस सर्दी प्रयागराज आने का एक और कारण जुड़ गया है. रसमलाई अमरूद, जिनके स्वाद को चखने के बाद आप कहेंगे, "इतना मीठा अमरूद पहले कभी नहीं खाया!"
इलाहाबादी अमरूद, जिसे "सेबिया अमरूद" भी कहा जाता है, अपनी खासियतों के लिए प्रसिद्ध है. यह फल अंदर से लाल रंग का होता है और इसका स्वाद, सुगंध और बनावट, इसे अन्य अमरूदों से काफी अलग बनाती है. यह फल विशेष रूप से इलाहाबाद (प्रयागराज) और आसपास के क्षेत्रों में उगाया जाता है, और अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. इसमें विटामिन सी, फाइबर, और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं. (आनंद राज की रिपोर्ट)
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