केले की खेती बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, आंध्र प्रदेश और केरल सहित कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. किसान केले की खेती व्यावसायिक तौर पर करते हैं क्योंकि किसानों को केले की खेती में अधिक लाभ होता है. वहीं, केले की डिमांड बाजारों में सालों भर रहती है. वहीं, बात केले की खेती करने वाले किसानों की करें तो उन्हें कई बार इसकी खेती करने में सिंचाई की समस्या होती है. ऐसे में किसानों के लिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि केले के एक पौधे को हर दिन कितना लीटर पानी देना चाहिए. साथ ही जानें कि केले की कब और कैसे सिंचाई करनी चाहिए?
बात करें केले के पौधे में हर दिन पानी देने की तो पौधे की रोपाई के 1 से 4 सप्ताह के भीतर एक पौधे में करीब 4 लीटर पानी देना चाहिए. इसके बाद जब पौधा किशोर अवस्था में पहुंच जाए यानी 5 से 9 सप्ताह का हो जाए तब 8 से 10 लीटर पानी देना चाहिए. फिर जब पौधा 10 से 19 सप्ताह का हो जाए तब पौधे को 12 लीटर पानी दें. इसके बाद जब पौधे में फूल आ जाएं तब उसे 16 से 20 लीटर पानी देना चाहिए. वहीं, जब पौधे में गुच्छे आ जाएं तो उसमें 20 लीटर से अधिक पानी डालें.
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केले के पौधे में रोपण के तुरंत बाद सिंचाई करें. इसके अलावा बगीचे की भूमि केले के लिए एक सप्ताह में एक बार और नम भूमि के लिए 10-15 दिनों में एक बार सिंचाई करनी चाहिए. फिर जब पौधे में खाद डालें तो उसके बाद खेतों में भरपूर सिंचाई करें. रोपण से 4 महीने तक 5-10 लीटर पानी से सिंचाई करें. इसके अलावा पौधे में अंकुरण तक 10-15 लीटर पानी से सिंचाई करें. वहीं कटाई से 15 दिन पहले तक 15 लीटर ड्रिप सिंचाई को अपनाकर सिंचाई करें.
केले के पौधे की खास बात यह है कि एक बार लगाने के बाद ये लंबे समय तक टिकता है. अमूमन ये पांच साल तक तो टिकता ही है. अगर इसको बीमारियां नहीं लगती हैं तो इसके 10 साल तक भी टिकने की संभावना रहती है. इसे बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर इसकी सिंचाई करने की जरूरत होती है. अगर किसान समय अनुसार सिंचाई नहीं करते हैं तो केले के पौधों को ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रखा जा सकता है.
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