मॉनसून आने के साथ ही कई राज्यों में तेज बारिश के साथ आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ चुकी हैं. दरअसल, बारिश के समय अक्सर बहुत तेज बादल गरजते हैं. बादल गरजने की घटनाओं को लेकर कहा जाता है कि इसके साथ ही बिजली गिरती है. बता दें कि बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने से बड़े हादसे होते हैं. इतना ही नहीं, बादलों की तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर भी हर कोई डर जाता है. इसके अलावा बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है. वहीं कई मवेशियों को भी बिजली की चपेट में आने से जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर आकाशीय बिजली किन तरीकों से लोगों को प्रभावित करती है और कैसे जान-माल का हो सकता है भारी नुकसान.
1. डायरेक्ट स्ट्राइक: आकाशीय बिजली लोगों या मवेशियों को सीधे स्ट्राइक कर सकती है. यह स्थिति अत्यंत घातक होती है.
2. संपर्क में आने से चोट: यह तब होता है जब बिजली किसी वस्तु जैसे कि कार या धातु के खंभे से टकराती है, जिससे व्यक्ति स्पर्श कर रहा होता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो सकता है.
3. साइड फ्लैश: यह तब होता है जब बिजली छिटक जाती है या किसी वस्तु से टकरा जाती है, जैसे कि व्यक्ति पर पेड़, खम्भा आदि गिर जाए.
4. ग्राउंड करंट: यह तब होता है जब बिजली जमीन से टकराती है और ग्राउंड करंट जमीन से होकर लोगों या मवेशियों को स्ट्राइक करती है.
5. स्ट्रीमरः जब बिजली वज्रपात हवा को चार्ज कर देता है, तो ऊर्जा का प्रवाह या स्ट्रीमर, जमीन के पास की वस्तुओं से ऊपर की ओर आ सकते हैं. कभी-कभी ये स्ट्रीमर लोगों के माध्यम से ऊपर की ओर जाते हैं, जिससे लोगों को नुकसान होता है.
6. धमाके से चोट: बिजली के विस्फोटक प्रभाव के कारण व्यक्ति उस स्थल से दूर तक फेंका जा सकता है. इसके कारण उसे गहरी चोट पहुंच सकती है.
बरसात के दिनों में अक्सर सुनने को मिलता है कि बिजली गिरने से खेतों में काम कर रहे किसान की मौत हो गई. या खेतों में घास चर रहे मवेशियों की वज्रपात से मौत हो गई. ऐसे में लोगों को बरसात के दिनों में खेतों में या पेड़ के नीचे या बिजली के तार के नीचे नहीं रुकना चाहिए क्योंकि बिजली की गड़गड़ाहट से इन सभी जगहों पर बिलजी गिरने का खतरा बना रहता है.
तेज हवा, काले बादल या दूर में गड़गड़ाहट की आवाज आकाशीय बिजली वज्रपात का संकेत देती है. यदि आपको आकाश से गर्जन सुनाई दे रही हो, तो आप वज्रपात वाले स्थल से करीब हैं. ऐसे में जमीन पर चित होकर नहीं लेटे, अन्यथा बिजली के संपर्क में आने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसी स्थिति होने पर दोनों पैरों को जोड़ कर और अपने सर को झुकाकर, अपने शरीर को बहुत हीं कम स्थान में समेट लें ताकि बिजली गिरने की स्थिति में आप पर कम प्रभाव हो.
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