हमेशा सेहतमंद रहने के लिए कई लोग तरह के फल खाते हैं, जिसमें ज्यादातर लोग सेब, केला, अनार, अमरूद को ही शरीर के लिए सबसे लाभदायक फल मानते हैं. मार्केट में पूरे साल फलों की डिमांड रहती है. साथ ही कई फलों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस फल की वैरायटी गोमा प्रियंका है. दरअसल, ये जामुन की एक खास वैरायटी है. फलों में जामुन का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. यह एक मौसमी फल है जिसे लोग खूब खाना पसंद करते हैं. ऐसे में आइए ये भी जानते हैं जामुन की कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?
गोमा प्रियंका: किसानों के बीच जामुन की यह लोकप्रिय किस्म है, जो अपनी बेहतर उपज (यानी 50- 70 किलो प्रति पेड़) वाले गुणों के लिए जानी जाती है. इसके अलावा इस किस्म में 85- 90 फीसदी गूदा होता है. साथ ही यह किस्म नियमित फल देने के लिए जानी जाती है. वहीं, इस किस्म की बुवाई जुलाई महीने में की जाती है.
राजा जामुन: जामुन की इस प्रजाति को भारत में अधिक पसंद किया जाता है. इस किस्म के फल आकार में बड़े, आयताकार और गहरे बैंगनी रंग के होते हैं. इसके फलों में पाई जाने वाली गुठली का आकार छोटा होता है. इसके फल पकने के बाद मीठे और रसदार हो जाते हैं.
काथा किस्म: इस किस्म के फल आकार में छोटे होते हैं जिनका रंग गहरा जामुनी होता है. इस किस्म के फलों में गूदे की मात्रा कम पाई जाती है जो स्वाद में खट्टा होता है. इसके फलों का आकार बेर की तरह गोल होता है. साथ ही इस किस्म से काफी अधिक उपज मिलती है.
भादो किस्म: इस किस्म के फल सामान्य आकार के होते हैं जिनका रंग गहरा बैंगनी होता है. इस क़िस्म के पौधे पछेती पैदावार के लिए जाने जाते हैं जिन पर फल बारिश के बाद अगस्त महीने में पककर तैयार होते हैं. इस किस्म के फलों का स्वाद हल्का मीठा होता है.
सी.आई.एस.एच.जे-45: इस किस्म के फल के अंदर बीज नहीं होते. इस किस्म के फल सामान्य मोटाई वाले अंडाकार दिखाई देते हैं जिनका रंग पकने के बाद काला और गहरा नीला दिखाई देता है. इस किस्म के फल रसदार और स्वाद में मीठे होते हैं. इस किस्म के पौधे गुजरात और उत्तर प्रदेश में अधिक उगाए जाते हैं.
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