महाराष्‍ट्र के मराठवाड़ा में तीन महीनों में 269 किसानों ने की आत्‍महत्‍या, बीड में संख्‍या सबसे ज्‍यादा

महाराष्‍ट्र के मराठवाड़ा में तीन महीनों में 269 किसानों ने की आत्‍महत्‍या, बीड में संख्‍या सबसे ज्‍यादा

मराठवाड़ा क्षेत्र में जनवरी 2025 से लेकर मार्च 2025 के दौरान 269 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि पिछले साल इन तीन महीनों की अवधि में 204 किसानों ने आत्महत्या की थी. यह जानकारी यहां के संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट से मिली है.

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महाराष्‍ट्र के मराठवाड़ा में तीन महीनों में 269 किसानों ने की आत्‍महत्‍या, बीड में संख्‍या सबसे ज्‍यादामराठवाड़ा में तीन महीनों में 269 किसानों ने की आत्‍महत्‍या (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

महाराष्‍ट्र में किसानों की आत्‍महत्‍या का पुराना सिलसिला अभी भी जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस राज्‍य में एक बड़ा हिस्‍सा सूखे की मार झेलता है और कई हिस्‍सों में अन्‍य मौसमी परिस्‍थत‍ियां जैसे भारी बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि आदि फसलों को नुकसान पहुंचाकर किसानों का जीवन अस्त-व्‍यस्‍त कर देती है. इस बीच, सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि राज्‍य के मराठवाड़ा क्षेत्र में जनवरी 2025 से लेकर मार्च 2025 के दौरान 269 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि पिछले साल इन तीन महीनों की अवधि में 204 किसानों ने आत्महत्या की थी. यह जानकारी यहां के संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट से मिली है.

मध्य महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में आठ जिले हैं, यह कम बारिश और मॉनसून में बदलाव के के कारण पानी की कमी के चलते अर्ध-शुष्क क्षेत्र माना जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीड जिले में किसानों की आत्महत्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. अकेले बीड में जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 44 किसानों ने आत्‍महत्‍या की थी, जबकि‍ इस साल पहले तीन महीनों में 71 किसानों ने आत्‍महत्‍या की.

इन जिलों में किसानों ने की आत्‍महत्‍या

रिपोर्ट के अनुसार,  2024 के पहले तीन महीनों में मराठवाड़ा में 204 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि‍ इस साल जनवरी-मार्च की अवधि में आत्‍महत्‍या करने वाले किसानों की संख्या 65 बढ़कर 269 तक पहुंच गई. रिपोर्ट में मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या (जनवरी-मार्च 2025) का जिलावार ब्यौरा दिया गया है. इसमें बीड में 71, छत्रपति संभाजीनगर में 50, नांदेड़ में 37, परभणी में 33, धाराशिव में 31, लातूर में 18, हिंगोली में 16 और जालना में 13 किसानों ने आत्‍महत्‍या की. 

राजू शेट्टी ने महायुति सरकार पर उठाए सवाल

पूर्व लोकसभा सांसद और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने किसानों की आत्महत्या को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा और कृषि लोन माफ करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य के किसानों के लोन माफ करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. यह किसानों को धोखा देने जैसा है. उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों द्वारा आत्महत्या करने के कारणों पर विचार किया.

कपास-सोयाबीन की उपज घटी: शेट्टी

शेट्टी ने कहा कि कपास, सोयाबीन जैसी फसलों की प्रति हेक्टेयर उपज कम हो गई है. दूसरी ओर, इन फसलों की इनपुट लागत बढ़ गई है. अगर सोयाबीन की बात करें तो महाराष्ट्र के किसानों को पिछले सीजन में लगभग 8,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि उन्होंने अपनी फसल एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम 1,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची थी. केंद्र ने 2024-25 सीजन के लिए सोयाबीन के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी घोषित किया था. (पीटीआई)

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