रबी सीजन के लिए गेहूं बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने गेहूं की उन्नत किस्म गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) पेश की है. यह किस्म गेहूं फसल में लगने वाले कई रोगों से लड़ने में सक्षम है. इससे किसान को कम लागत में अधिक उपज का फायदा मिलता है. गेहूं एचडी3410 किस्म केवल 130 दिन में तैयार हो जाती है, जबकि गेहूं की कई अन्य किस्में इससे ज्यादा समय लेती हैं. इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने से बाजार में इसकी मांग भी ज्यादा रहती है. इसके अलावा यह किस्म जल्दी बुवाई के लिए उत्तम बताई गई है. IARI ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों को रबी सीजन में इस किस्म की बुवाई करने की सलाह दी है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने फरवरी 2023 में गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्म को लॉन्च किया था और इसे बाद में केंद्र ने इसकी बुवाई की मंजूरी भी दी थी. रबी सीजन के लिए उपयुक्त सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए गेहूं की यह किस्म गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) बुवाई के लिए सही होगी. क्योंकि, यह तेजी से बढ़ने वाली गेहूं किस्म है.
ICAR-IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्म को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान , मध्य प्रदेश समेत उपयुक्त सिंचाई वाले इलाकों में बुवाई की सलाह दी है. गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) यह किस्म को पानी की कम मात्रा चाहिए होती है, लेकिन सिंचाई में देरी पौधे के लिए नुकसानदायक बन जाती है. इसीलिए जिन इलाकों में नहरें, नदियां, तालाब या नलकूप की अच्छी व्यवस्था है वहां के किसान इस किस्म की बुवाई कर बंपर उपज हासिल कर सकते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के अनुसार गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्म केवल 130 दिन में तैयार हो जाती है. जबकि, गेहूं की अन्य फसलें 145 दिन से भी अधिक समय ले लेती हैं. इसके अलावा गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्में प्रोटीन की मात्रा 12.6 फीसदी होती है, जो अन्य किस्मों की तुलना में अधिक है. एक हेक्टेयर में उत्पादन की बात करें तो गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्म 67 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज देती है. जबकि, बाकी की किस्में 63 क्विंटल या इसके आसपास उपज देती हैं.
गेहूं एचडी3410 (Wheat HD3410) किस्म के पौधों की ऊंचाई कम रहती है. इस किस्म का पौधा 100-105 से.मीटर ऊपर तक बढ़ता है. यह किस्म जल्दी तैयार होने और कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम होने के चलते किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. इसके आटे से ब्रेड, बिस्किट और अच्छी क्वालिटी वाला आटा तैयार होता है. इसमें प्रोटीन, आयरन समेत अन्य पोषक तत्वों की अधिकता के चलते इसकी बाजार में काफी मांग रहती है.
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