

उत्तर प्रदेश की सरकार ने साफ कर दिया है कि खाद अनियमितताओं को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी. उर्वरकों की उपलब्धता, कीमत और बिक्री व्यवस्था में अनियमितता या फिर किसानों के शोषण की शिकायतें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएंगी. उन्होंने कहा कि उर्वरकों के साथ जबरन टैगिंग, ओवर प्राइसिंग और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करने को तैयार है.
कृषि मंत्री ने यह निर्देश प्रदेश में यूरिया, डीएपी, एनपीके एवं अन्य उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा के दौरान विभिन्न उर्वरक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में दिए. मीटिंग में मौजूदा रबी सीजन को देखते हुए उर्वरकों की सप्लाई, डिस्ट्रीब्यूशन और बिक्री व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की गई.सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सब्सिडी वाले उर्वरकों के साथ किसी भी प्रकार के दूसरे उत्पादों की जबरन बिक्री (टैगिंग) पूरी तरह गैर-कानूनी है.

शाही ने कहा कि अगर किसी भी जनपद में इस तरह की शिकायत पाई जाती है तो संबंधित कंपनी, थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. साथ ही लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह बात सामने आई है कि कुछ जगहों पर किसानों को यूरिया तभी उपलब्ध कराया जा रहा है जब वो बाकी उर्वरक या उत्पाद खरीदने को मजबूर हों. यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि किसानों का सीधा उत्पीड़न भी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि उर्वरकों को लेकर अनियमितताओं के कारण प्रदेश सरकार की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है जो हरगिज मंजूर नहीं है.
राज्य के कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन-जिन क्षेत्रों में टैगिंग, ज्यादा कीमत वसूली या सप्लाई रोकने की घटनाएं सामने आई हैं, वहां तुरंत जांच कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन कंपनियों या एजेंसियों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, उनके उत्पादों की बिक्री तत्काल रोकी जाए, सामग्री को सील कर सुरक्षित रखा जाए और साप्ताहिक जांच के माध्यम से स्टॉक और बिक्री की निगरानी की जाए. मीटिंग में सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, रजिस्टार कोऑपरेटिव योगेश कुमार, निदेशक कृषि पंकज त्रिपाठी, अपर निबंधक सहकारिता श्रीकांत गोस्वामी, संयुक्त निदेशक उर्वरक आशुतोष मिश्र जैसे सीनियर अधिकारी मौजूद थे.
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