जैव खाद के प्रयोग से मृदा संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा, किसानों के लिए UP सरकार ने खोला खजाना, पढ़ें डिटेल

जैव खाद के प्रयोग से मृदा संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा, किसानों के लिए UP सरकार ने खोला खजाना, पढ़ें डिटेल

फिलहाल जो 2 करोड़ रुपए की धनराशि बायो फर्टिलाइजर के जरिए प्रदेश में मृदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए की गई है इसमें से सब्सिडी समेत बायोफर्टिलाइजर के प्रयोग के लिए विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जाएगा.

Advertisement
जैव खाद के प्रयोग से मृदा संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा, किसानों के लिए UP सरकार ने खोला खजाना, पढ़ें डिटेल कार्य योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए 2 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन कर दिया गया है.

UP Farmers News: देश-विदेश में भारत के 'फूड बास्केट' के रूप में विख्यात उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास के साथ ही खेती-किसानी के क्षेत्र में भी प्रगति के व्यापक पथ पर अग्रसर है. यही कारण है कि प्रदेश में जैव उर्वरक (बायो फर्टिलाइजर) प्रोडक्शन लैब्स के सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा देने और बायो फर्टिलाइजर को पॉपुलराइज करके इसके जरिए मृदा संरक्षण (सॉयल कंजर्वेशन) को लक्षित करने की विस्तृत कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में प्रदेश में बायो फर्टिलाइजर प्रोडक्शन यूनिट्स को बढ़ावा देने के लिए मजदूरी, सब्सिडी, अनुरक्षण, अन्य व्यय, सामग्री व सम्पूर्ति समेत प्रशिक्षण के लिए यात्रा व अन्य मदों में व्यय समेत कई महत्वपूर्ण मदों में कार्य योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए 2 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

इस मद में वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति उप्लब्ध कराने के साथ ही प्रावधानित 4 करोड़ रुपए की धनराशि में से 2.1 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटन से मृदा संरक्षण के प्रयासों को गति प्रदान करने की कार्रवाई को शुरू कर दिया गया है. 

6 कार्यों के लिए धनराशि आवंटन स्वीकृत

बायो फर्टिलाइजर न केवल फसलों के उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि आर्टिफिशियल फर्टिलाइजर्स की अपेक्षा सॉयल कंजर्वेशन में भी प्रमुख भूमिका निभाती है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार अब सीएम योगी की मंशा के अनुरूप मृदा संरक्षण के लिए जैव उर्वरकों को पॉपुलराइज करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर आगे बढ़ रही है. इसी के परिणामस्वरूप प्रावधानित कुल 4 करोड़ रुपए की धनराशि में से 2 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन 6 वृहद कार्यों को मूर्त रूप देने के लिए किया गया है. इसमें से बायोफर्टिलाइजर प्रोडक्शन व रिसर्च लैब्स के सुदृढ़ीकरण के लिए 15.50 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की गई है.  
 

जैव खाद के लिए बड़े स्तर पर चलेंगे कार्यक्रम

विस्तृत कार्ययोजना के अनुरूप, फिलहाल जो 2 करोड़ रुपए की धनराशि बायो फर्टिलाइजर के जरिए प्रदेश में मृदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए की गई है इसमें से सब्सिडी समेत बायोफर्टिलाइजर के प्रयोग के लिए विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जाएगा. इस मद में 69 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की गई है. बायो फर्टिलाइजर के अनुरक्षण के 29 कार्यों के लिए कुल 5 लाख रुपए, जैव उर्वरकों के स्ट्रक्चर्स को विकसित करने व जैव उर्वरकों को लोकप्रीय बनाने के लिए 42 कार्यों में कुल 4 लाख रुपए व इस मद में साजो-सामान क्रय समेत अन्य जरूरी कार्यों को अंजाम देने के लिए एक करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है.

यह भी पढ़ें- UP पहुंचे कर्नाटक के आदिवासी दंपत्ति, तैयार किया 108 जड़ी बूटियों का खास औषधीय तेल, जानें फायदे

जबकि प्रदेश में जैव उर्वरकों को लेकर प्रशिक्षण व यात्रा संबंधी कुल 44 मदों में कार्यपूर्ति के लिए 7.50 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की गई है. इस क्रम में विशेष सचिव द्वारा कृषि निदेशक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं जो यह सुनिश्चित करेंगे कि उक्त आवंटित धनराशि का उपयोग निर्धारित मदों में शासन के निर्देशों के आधीन किया जाएगा.

जैव उर्वरक क्या है?

जैव उर्वरक विशिष्ट प्रकार के जीवाणुओं का एक विशेष प्रकार के माध्यम, चारकोल, मिट्टी या गोबर की खाद में ऐसा मिश्रण है, जो वायुमण्डलीय नत्रजन को साइकल द्वारा पौधों को उपलब्ध कराती है या मिट्टी में उपलब्ध अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित करके पौधों को उपलब्ध कराता है. इनके प्रयोग से रसायनिक उर्वरकों की 1/3 मात्रा तक की बचत हो जाती है. 

 

POST A COMMENT