रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में फसलों की अच्छी ग्रोथ के लिए उर्वरकों का खास महत्व रहता है. उर्वरक फसल के पौधों को पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं. लेकिन पिछले दिनों से किसानों के सामने उर्वरकों की कमी लगातार सामने आ रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए. इधर, प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को आवश्यकता अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जाए. वहीं हर जिले में प्रगति की समीक्षा प्रतिदिन की जाएगी ताकि कहीं भी ढिलाई न बरती जाए.
बता दें कि वर्तमान में गत वर्ष की तुलना में डीएपी का 2.27 लाख मीट्रिक टन, एनपीके का 1.63 लाख मीट्रिक टन एवं एसएसपी का 0.50 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त स्टॉक उपलब्ध है. विभाग द्वारा जनपदों की मांग के अनुरूप पूरी मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन समीक्षा कर उर्वरकों की निर्धारित मूल्य पर बिक्री सुनिश्चित की जाए. प्रत्येक बिक्री के उपरांत किसानों को रसीद अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए. वहीं, अनुदानित उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी एवं एसएसपी) के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग पर कठोर कार्यवाही की जाए. यूरिया के अनधिकृत डायवर्जन पर कड़ी निगरानी रखी जाए. दरअसल, वर्तमान में डीएपी की मांग के मुकाबले आपूर्ति काफी कम है.
एसपी गोयल ने कहा कि अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जनपदों में उर्वरकों की आपूर्ति और बिक्री पर विशेष निगरानी रखी जाए. सोसाइटी के विक्रय केन्द्रों पर स्टॉक 7.5 मीट्रिक टन से कम होने पर तत्काल पुनः आवंटन किया जाए. किसी भी विक्रय केन्द्र पर उर्वरक की कमी या अव्यवस्था की स्थिति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी किसानों तक उर्वरक की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि रबी सीजन में फसलों की बुआई प्रभावित न हो.
इसके अलावा जीरो पावर्टी अभियान की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि अभियान के प्रथम चरण में सात प्राथमिकता वाली योजनाओं (राशन कार्ड, दिव्यांगजन पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, पीएम किसान सम्मान निधि, आवास योजना तथा पीएम जन आरोग्य योजना) के माध्यम से चिन्हित शत-प्रतिशत परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से लक्ष्यों को प्राप्त करने और प्रगति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि एक माह का विशेष अभियान चलाकर सभी छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को इन प्राथमिकता वाली योजनाओं से आच्छादित किया जाए. चिन्हित परिवारों के सीएम अथवा पीएम आवास योजना के अंतर्गत आवेदन हो जाएं. साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी लाभार्थियों के पूरे परिवार का राशन कार्ड में नामांकन हो.
अभियान के द्वितीय चरण में पीएम उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, पेय जल कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन, शिक्षा तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ सभी पात्र परिवारों को प्रदान किया जाना है. चिन्हित परिवारों का विवरण संबंधित पोर्टल पर उपलब्ध है. सभी जिलाधिकारी इसका सत्यापन कराकर चिन्हित परिवारों को इन योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराएं.
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