यूरिया के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली रासायनिक खाद डीएपी के लिए लग रही किसानों की लंबी-लंबी लाइनों के बावजूद हरियाणा सरकार यह मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है कि राज्य में इसका कोई संकट है. वो दावा कर रही है कि सबकुछ ठीक है. ऐसे में या तो खाद के लिए लग रही किसानों की भीड़ की तस्वीरें गलत हैं या फिर सरकार झूठ बोल रही है. बहरहाल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद मुरझाई कांग्रेस को डीएपी संकट से सियासी 'खाद' जरूर मिल गई है. इसलिए वो इस मसले पर राज्य सरकार को घेरने में कोई चूक नहीं कर रही. उधर, कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा डीएपी को लेकर आंकड़ों की 'बाजीगरी' करने में जुट गए हैं.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने डीएपी संकट के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कटघरे में खड़ा किया है. सुरजेवाला के आरोपों पर राज्य सरकार को जवाब देना पड़ रहा है. हरियाणा के कृषि मंत्री राणा ने कहा है कि राज्य सरकार ने रबी सीजन के लिए आवश्यक कुल 3.48 लाख मीट्रिक टन में से अब तक 2.38 लाख मीट्रिक टन डीएपी जारी कर दिया है. रबी सीजन 24 सितंबर से 25 मार्च तक चलता है. प्रदेश में लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की फसल बोई जाती है और इसके लिए किसानों को जरूरत के हिसाब से उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है.
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राणा ने दावा किया कि राज्य का डीएपी स्टॉक पिछले वर्ष की मांग के बराबर है. पिछले पूरे रबी सीजन में 2,29,086 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी, जबकि इस बार 7 नवंबर 2024 तक राज्य में 1,71,002 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है. जिसमें 1 अक्टूबर 2024 का 53,970 मीट्रिक टन का शुरुआती स्टॉक भी शामिल है.
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न जिलों में 26,497 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है और 11 नवंबर तक अतिरिक्त 14,574 मीट्रिक टन प्राप्त होने की संभावना है. राणा ने बताया कि किसान डीएपी के साथ-साथ अन्य उर्वरक जैसे एनपीके और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) का भी उपयोग करते हैं. राज्य में 65,200 मीट्रिक टन एनपीके की आपूर्ति की गई है, जिसमें से 26,041 मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है.
इन आंकड़ों के आधार पर राणा ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला द्वारा राज्य में डीएपी की कमी को लेकर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. सुरजेवाला के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है और सुरजेवाला किसानों को गुमराह कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से कहा कि हरियाणा व पंजाब सहित पूरे देश में डीएपी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. रबी सीजन में हरियाणा व पंजाब सहित देश का किसान ‘काली दिवाली’ मनाने को मजबूर हुआ है. डीएपी की शॉर्टेज के चलते गुहला-चीका व कैथल में किसानों ने धरना लगाया, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी और नारनौल में डीएपी को थानों में बांटना पड़ा. हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों के किसान सुबह 4 बजे से लाइनों में खड़ा होकर खाद का इंतजार कर रहा है. हरियाणा के उचाना में डीएपी खाद के लिए लाइनों में लगे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. दूसरी ओर नरवाना में किसान धरने पर बैठने को मजबूर हो गए थे.
कृषि मंत्री राणा ने रणदीप सुरजेवाला के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उचाना में किसानों पर पुलिस कार्रवाई के आरोप गलत हैं. उन्होंने 26 नवंबर को नरवाना, गुहला चीका और कैथल में किसानों के असंतोष की खबरों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की कोई पुष्टि नहीं हुई है और किसानों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई दर्ज नहीं की गई है.
राणा ने यह भी स्पष्ट किया कि भिवानी, चरखी दादरी और नारनौल के पुलिस थानों में डीएपी वितरित किए जाने के आरोप झूठे हैं. इन क्षेत्रों में स्थानीय अधिकारियों ने किसानों को पर्याप्त डीएपी स्टॉक की उपलब्धता का आश्वासन दिया है. उदाहरण के लिए, 1 अक्टूबर से 7 नवंबर तक सिरसा जिले में 15,794 मीट्रिक टन डीएपी पहुंचा, जिसमें से 1,573 मीट्रिक टन का स्टॉक अभी भी मौजूद है. अगले कुछ दिनों में सिरसा को अतिरिक्त 2,419 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जाएगी.
राणा ने सरकारी वितरण के प्रयासों का उदाहरण देते हुए बताया कि 5 नवंबर को चरखी दादरी के बाढड़ा पैक्स में खाद वितरण के दौरान भारी संख्या में किसान इकट्ठे हुए थे. वहां एसडीएम और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में वितरण का सुचारू संचालन किया गया. अक्टूबर और नवंबर में चरखी दादरी जिले में पिछले साल के मुकाबले इस साल डीएपी की बिक्री अधिक हुई है. आज 7 नवंबर तक 3,745 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराई गई है, जो पिछले साल के 2,891 मीट्रिक टन से अधिक है.
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