खाद मांगने पर पुलिस ने किसान को लगाए लात-घूंसे, अन्नदाता ने बताई दास्तां...

खाद मांगने पर पुलिस ने किसान को लगाए लात-घूंसे, अन्नदाता ने बताई दास्तां...

इन दिनों किसान खाद की समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा खाद मांगना भी अब गुनाह सा हो गया है. देश के कई इलाकों में किसानों पर खाद के लिए मारपीट और लाठीचार्ज की घटनाएं आती रही हैं. अब एक मामला एमपी के रीवा जिले से आया है जहां किसान के साथ बर्बरता की गई है.

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खाद मांगने पर पुलिस ने किसान को लगाए लात-घूंसे, अन्नदाता ने बताई दास्तां...खाद मांगने पर किसान की पिटाई

खाद मांगना तो जैसे अपराध हो गया हो. देशभर में एक-एक बोरी खाद के लिए किसान दिन-रात लंबी कतारों में खड़े हैं. अधिकांश जगह से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जहां किसान को खाद तो नहीं मिल रही ऊपर से प्रशासन की लाठी और बर्बरता भी झेलनी पड़ रही है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के रीवा से आया है जहां एक आदिवासी किसान को खाद मांगने पर लात-घूंसे और फर्जी मुकदमें की धमकी मिली है. 

क्या है पूरा मामला?

मामला रीवा जिले के तराई अंचल जवा विकास खंड किसान समृद्धि केंद्र का है. प्रभुदयाल आदिवासी नाम के किसान ने बताया कि उनकी पत्नी को वितरण केंद्र से 2 बोरी खाद मिली थी, उसके बाद वे गए और केंद्र पर 5 बोरी खाद देने की मांग की. उनकी ये मांग सुनते ही छावनी में मौजूद पुलिसकर्मी आए और बिना किसी सवाल-जवाब के पीटने लगे. किसान ने बताया कि उन्हें मारते हुए गाड़ी मैं बैठाया गया और जवा थाने लेकर भी पिटाई की गई. किसान के अनुसार उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं और थाने में बंद कर फर्जी मुकदमे की धमकी भी दी. किसान ने बताया कि उससे जबरन पूछा जा रहा था कि तुम कितनी शराब पीकर आए हो? बाद में मेडिकल कराने भी ले जाया गया और मेडिकल के दौरान भी मुझे कुछ नहीं बोलने दिया गया. बाद में मुझे छोड़ दिया और मेरा भतीजा मुझे घर ले आया. 

पुलिस का क्या जवाब? 

रीवा जिले की इस घटना के बारे में पुलिस की ओर से भी जवाब आ गया है. आरती सिंह (अतिरिक्त पुलिस रीवा) का कहना है कि किसी किसान के साथ मारपीट नहीं की गई है. उन्होंने किसान प्रभुदयाल कोल का नाम लेते हुए कहा कि वे नशे की हालत में थे और केंद्र में गाली-गलौज और अभद्रता कर रहे थे जिससे खाद वितरण का काम प्रभावित हो रहा था. पुलिस की ओर से रोकने के बाद भी वे नहीं मान रहे थे जिसके बाद उन्हें थाने ले जाया गया और मेडिकल कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. 

खाद को लेकर बर्बरता की खबरें

खाद मांगने पर मारपीट का ये कोई पहला मामला नहीं है. पहले भी रीवा, सतना, भिंड और चित्रकूट सहित मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग इलाकों से खाद लेने के लिए लाइन में खड़े किसानों के साथ मारपीट और लाठीचार्ज की खबरें आती रही हैं. एक ओर प्रशासन शांति पूर्वक खाद वितरण के दावे करता है तो दूसरी ओर इस तरह की मारपीट और पुलिस-प्रशासन की ओर से की गई बर्बरता की घटनाएं सामने आ जाती हैं. रिपोर्ट: हरिओम सिंह 

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