
सितंबर का महीना आते ही लगभग पूरे देश में मूली की खेती शुरू हो गई है. लेकिन बहुत से किसान अभी भी मूली की बेहतर वैरायटी पाने के लिए परेशान हैं कि वो मूली की किन उन्नत किस्म की खेती करें, ताकि उससे बंपर पैदावार मिल सके. लेकिन अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम मूली की एक ऐसी उन्नत वैरायटी के बारे में बताएंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को बंपर पैदावार मिलेगी. ऐसे में अगर आप भी मूली की कुछ ऐसी ही किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप इसकी हाइब्रिड किस्म काशी हंस की खेती कर सकते हैं. आइए जानते हैं कहां से सस्ते में मिलेगा ये बीज और क्या है इसकी बीज की खासियत.
मौजूदा समय में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर सीजनल फसलों की खेती पर खूब ध्यान देने लगे हैं. उन्हीं किसानों की सहायता के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन मूली का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
काशी हंस मूली की एक खास किस्म है. ये किस्म सर्दियों के मौसम में उगाई जाती है. इस किस्म की फसल बुवाई के 45-60 दिन बाद ही तैयार हो जाती है. इसके पौधों की जड़ें नुकीली होती हैं और स्वाद हल्का मीठा होता है. इस किस्म के पौधों का प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 40-45 टन होता है. वहीं, बात करें इसकी कीमत की तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट फिलहाल 32 फीसदी की छूट के साथ 51 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से मूली की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
गमले में मूली उगाने के लिए 12 इंच गहरा गमला लें. फिर उसमें मिट्टी, खाद और कोकोपीट को मिलाकर तैयार करें. इसके बाद गमले में बीजों को लगभग 1 इंच गहरा लगाएं और उन्हें नम रखें. मूली को पूरी धूप वाली जगह पर रखें. साथ ही अंकुरण के बाद पौधों को पतला करें और 40-60 दिनों में कटाई करें.
मूली की खेती के लिए ठंडी जलवायु अच्छी रहती है. मूली की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए. इसमें खेत की पांच से छह बार जुताई करनी चाहिए. वहीं, गहरी जुताई के लिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई की जानी चाहिए. उसके बाद मूली के बीजों को तीन से चार सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए ताकि बीजों का जमाव ठीक से हो सके.
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