भारत खाद की आपूर्ति के लिए विदेश आयात पर निर्भर है. कई संसाधन संपन्न देशों से देश में खाद मंगाई जाती है. इस क्रम में भारत की राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ) कंपनी मॉरिटानिया से रॉक फॉस्फेट मंगाने की संभावना तलाश रही है. वहीं, कुछ भारतीय खाद कंपनियां टोगो के खाद सप्लायर्स के साथ MoU साइन करने के अंतिम चरण में हैं. राज्यसभा सांसद कीर्ति आजाद की अध्यक्षता वाली रसायन और उर्वरक पर संसदीय स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार भारतीय उर्वरक कंपनियों को समझौते, समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर करने और ऐसे देशों की खाद कंपनियों के साथ मिलकर बिजनेस बनाने की सुविधा दे रही है, जो पहले से ही संसाधनों से संपन्न है. ताकि भारत में खाद की आपूर्ति के लिए कच्चे माल और तैयार खादों किसानों को उपलब्ध कराई जा सके.
रिपोर्ट के अनुसार, खाद विभाग की ओर से प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कच्चे माल की खरीद के लिए नौरू, टोगो, रूस और बेलारूस जैसे देशों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की गई है. भारत और टोगो की खाद कंपनियों में भारत को रॉक फॉस्फेट सप्लाई करने के लिए MoU को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं, राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स आरसीएफ मॉरिटानिया से रॉक फॉस्फेट की आपूर्ति की संभावना तलाश रही है.
समित ने रिपोर्ट में खाद विभाग की सराहना की उनका मिशन का उद्येश्य देशभर के करोड़ों किसानों को निर्धारित उत्पादन, आयात और समय पर वितरण के माध्यम से प्रत्येक फसल मौसम में किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण खादों की पर्याप्त और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
ये भी पढ़ें - "रासायनिक खेती से शुरू हुआ सारा केमिकल लोचा," समिट में बोले प्रगतिशील किसान
कुछ महीने पहले रसायन और उर्वरक मंत्री रहते हुए मनसुख मंडाविया ने कहा था कि है कि भारत 2025 के अंत तक यूरिया आयात करना बंद कर देगा, क्योंकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन से आपूर्ति और मांग के बीच अंतर को कम करने में मदद मिली है.
मंत्री ने कहा था कि भारतीय खेती के लिए खादों की उपलब्धता बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश पिछले 60-65 सालों से फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों का उपयोग कर रहा है. लेकिन, अब सरकार नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे वैकल्पिक खादों को को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today