किसान अपनी फसलों की क्वालिटी और उत्पादन को बढ़ाने के लिए आए दिन नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं. कई किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए रासायनिक खादों और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं, तो कई किसान प्राकृतिक और जैविक खादों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में किसान अपने बगीचे के कचरे से भी खाद बना सकते हैं क्योंकि बगीचे के कचरे से खाद बनाना एक उपयोगी प्रबंधन तकनीक है. वहीं बगीचे के कचरे को रिसाइकल करके लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा को कम किया जा सकता है. बगीचे के कचरे से बनी खाद में अच्छी गुणवत्ता होती है.
इसके प्रयोग से फसलों से रोग और कीट दूर हो जाते हैं. साथ ही यह खेत की पैदावार और बेहतर क्वालिटी वाली फसलों को बढ़ाता है. वहीं दूसरी तरफ रासायनिक खाद के उपयोग से स्वास्थ्य पर गलत असर भी पड़ रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए, आप ये खाद विकसित कर सकते हैं, आइए जानें कैसे बनाएं बगीचे के कचरे से खाद
आईसीएआर की रिपोर्ट के अनुसार कृषि अवशेषों यानी बगीचे के कचरे की खाद बनाने की पुरानी पद्धति के अनुसार एक बड़े गड्ढे में कचरा डाला जाता था. फिर उसमें पानी भर दिया जाता था, जिससे ये खाद सड़ जाती थी. इस खाद को तैयार होने में 5-6 महीने तक का समय लगता था, लेकिन संशोधित पद्धति यानी नए तकनीक के तहत अवशेषों को गड्ढे में न डालकर समतल भूमि पर रखते हैं. उसके बाद खाद बनाया जाता है.
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बगीचे के कचरे से भी खाद बनाने के लिए एक क्विंटल कचरे में 1 किलो यूरिया पानी में घोलकर मिलाएं, जिससे सूक्ष्म जीवों की बढ़ोतरी के लिए नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ सके. इसके स्थान पर नाइट्रोजन युक्त कृषि अवशेष, जैसे ढैंचा आदि भी मिला सकते हैं. हरा चारा खाने वाले पशुओं का गोबर 25 किलो प्रति क्विंटल की दर से मिलाएं. साथ ही खाद तैयार होने तक नमी की मात्रा 50-60 फीसदी तक बनाए रखें. इसके लिए पानी कचरे पर पानी का छिड़काव करना जरूरी होता है. इसके अलावा खाद को प्रत्येक तीसरे या चौथे दिन पलट दें. ऐसा करने से एक महीने में कचरे से खाद तैयार हो जाती है. वहीं आपको यह ध्यान देना चाहिए कि जहां खाद बनाई जाए वहां सतह पक्की हो, जिससे खाद के उपयोगी तत्व जमीन में न चले जाएं.
इस खाद का जैविक मूल्य गोबर की खाद के बराबर होता है. बगीचे के कचरे से खाद बनाकर आप प्रदूषण की समस्या को कम कर सकते हैं. वहीं इस खाद के प्रयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति को बनी रहती है. साथ ही किसान इस खाद का इस्तेमाल अपने होम गार्डेन और खेतों में आसानी से कर सकते हैं. इस खाद के इस्तेमाल से फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.
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