हरियाणा में बीज अधिनियम में हुआ फेरबदल, विरोध में 7 दिन की हड़ताल करेंगे उत्पादक

हरियाणा में बीज अधिनियम में हुआ फेरबदल, विरोध में 7 दिन की हड़ताल करेंगे उत्पादक

हरियाणा बीज उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पाल सिंह धालीवाल ने कहा: "संशोधन उत्पादकों और डीलरों के खिलाफ थे, ऐसे में हम इन परिस्थितियों में काम करने की स्थिति में नहीं हैं. नए प्रावधानों के अनुसार अधिनियम के तहत अपराध गैर-जमानती है.

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हरियाणा में बीज अधिनियम में हुआ फेरबदल, विरोध में 7 दिन की हड़ताल करेंगे उत्पादकबीज अधिनियम में हुआ फेरबदल

हरियाणा सरकार ने बीज और कीटनाशक अधिनियमों में बदलाव कर दिया है. सरकार की ओर से अधिनियमों में किए गए संशोधनों से नाखुश बीज और कीटनाशक उत्पादकों और डीलरों ने राज्य में सात दिन के हड़ताल का आह्वान किया है. राज्य स्तरीय बैठक में बीज और कीटनाशक उत्पादकों और डीलरों ने नए प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि ये संशोधन अस्वीकार्य है.

हरियाणा बीज उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पाल सिंह धालीवाल ने कहा: "संशोधन उत्पादकों और डीलरों के खिलाफ थे, ऐसे में हम इन परिस्थितियों में काम करने की स्थिति में नहीं हैं. नए प्रावधानों के अनुसार अधिनियम के तहत अपराध गैर-जमानती है. बता दें कि पहले, पहली बार अपराध करने पर 500 रुपये और दूसरी बार अपराध करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना और 1 साल की कैद का प्रावधान था. लेकिन अब 1 लाख से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और एक से तीन साल की कैद होगी.

नए अधिनियमों में किए गए फेरबदल

पाल सिंह धालीवाल ने कहा, "हरियाणा में 500 से ज़्यादा बड़े बीज उत्पादक, करीब 10,000 बड़े और करीब 5,000 छोटे बीज विक्रेता हैं. बीज उत्पादन एक बहुत ही विनियमित प्रक्रिया है, जिसमें मुख्य बीज पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, डीडब्ल्यूआर करनाल, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और पूसा संस्थान सहित सरकारी एजेंसियों से खरीदा जाता है. इन्हें हरियाणा राज्य बीज प्रमाणन एजेंसी की देखरेख में उगाया जाता है. उत्पाद का परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं में किया जाता है और फिर उत्पाद को बिक्री के लिए अनुमति दी जाती है."

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धालीवाल ने कहा, "नए प्रावधान के तहत अगर बीज का अंकुरण 80 प्रतिशत से कम हुआ तो उत्पादक और डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जबकि कम अंकुरण के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं. मौसम की स्थिति, निष्क्रियता अवधि और अन्य कारण अंकुरण को प्रभावित कर सकते हैं. किसानों को तीन दिन के भीतर अंकुरण के बारे में पता चल जाता है और अगर परिणाम संतोषजनक नहीं होते हैं, तो वे फिर से बीज बो सकते हैं, डीलर के पास अपना दावा कर सकते हैं. वहीं, उपभोक्ता अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं."

सरकार को वापस लेना चाहिए फैसला

उन्होंने कहा कि हरियाणा के बीज उत्पादक देश भर में क्वालिटी से भरपूर बीज उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते हैं. देशभर के बीज उत्पादकों ने हरियाणा के बीज उत्पादकों को समर्थन दिया है और राज्य में अपने उत्पाद न भेजने का आश्वासन दिया है.

धालीवाल ने कहा, "राज्य सरकार के साथ मामले को सुलझाने के लिए 23 सदस्यीय समिति भी बनाई गई है. ऐसे में सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए. इस बीच सात दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया है. अगर मांग नहीं मानी गई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. साथ ही हरियाणा में बिक्री के लिए डीलरों को कोई भी बीज नहीं दिया जाएगा."

सरकार के फैसले के खिलाफ उत्पादक

इस बीच, कीटनाशक निर्माता संघ, हरियाणा के संरक्षक सुभाष खुराना ने कहा "मौसम सहित कुछ चीजें निर्माताओं और डीलरों के नियंत्रण में नहीं होती हैं. ऐसे में सरकार की ओर से किए गए बदलाव कठोर और अस्वीकार्य हैं. हमने सोमवार से बिक्री बंद करने का फैसला किया है."

एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अमित गोयल ने कहा "डीलर उत्पादकों से सीलबंद पैकेट में मिले उत्पाद ही बेचते हैं और उनकी क्वालिटी की जांच करने की स्थिति में नहीं होते. सरकार की तरह हम भी किसानों के कल्याण के लिए काम करते हैं, लेकिन बदलाव स्वीकार्य नहीं है."

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