
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इफको के नैनो यूरिया प्लस को तीन साल के लिए नोटिफाई किया है. अगले सप्ताह से इसका उत्पादन शुरू हो सकता है. नैनो यूरिया की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे थे, ऐसे में इसका नया वर्जन महत्वपूर्ण है. समझा जाता है कि इफको ने फसलों पर इसका प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे अपग्रेड किया है, ताकि ऐसे सवालों का जवाब दिया जा सके.
नैनो यूरिया के बाद अब बाजार में किसानों के लिए इसका अपग्रेड वर्जन नैनो यूरिया प्लस आने वाला है. दावा है कि यह पौधे के विकास के विभिन्न चरणों में नाइट्रोजन की बेहतर आपूर्ति और पोषण प्रदान करेगा, क्योंकि इसमें नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा है. देश की प्रमुख सहकारी उर्वरक निर्माता इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के इस प्रोडक्ट को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) को तीन साल के लिए नोटिफाई किया गया है. नोटिफिकेशन जारी हो गया है इसलिए अगले एक सप्ताह में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा. नैनो यूरिया की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे थे, ऐसे में इसका नया वर्जन महत्वपूर्ण है. समझा जाता है कि इफको ने फसलों पर इसका प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे अपग्रेड किया है, ताकि ऐसे सवालों का जवाब दिया जा सके.
दरअसल, नैनो यूरिया प्लस इफको के नैनो यूरिया का उन्नत फॉर्मूलेशन है. इफको अब तक 500 एमएल वाली 6 करोड़ से अधिक नैनो यूरिया की बोतलें किसानों को बेच चुका है. इफको ने 31 मई 2021 को नैनो यूरिया लॉन्च किया था. सबसे पहले गुजरात के कलोल प्लांट से इसका उत्पादन शुरू किया गया था. इसे पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले दानेदार यूरिया से अलग स्प्रे करना पड़ता है. बहरहाल, अब देखना है कि नैनो यूरिया का नया वर्जन किसानों को कितना लुभाता है.
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इफको के एमडी एवं सीईओ डॉ. यूएस अवस्थी ने नैनो यूरिया प्लस की नोटिफिकेशन जारी होने की जानकारी देते हुए कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इफको के नैनो यूरिया प्लस (तरल) 16% एन w/w जो 20% एन w/v के बराबर है, को भारत सरकार ने तीन वर्ष की अवधि के लिए अधिसूचित किया गया है. इफको नैनो यूरिया प्लस, नैनो यूरिया का एक उन्नत संस्करण है जो पौधे के विकास के विभिन्न चरणों में नाइट्रोजन की बेहतर आपूर्ति और पोषण प्रदान करता है.
डॉ. अवस्थी ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक यूरिया और अन्य नाइट्रोजन उर्वरकों की जगह इसका प्रयोग किया जा सकता है. यह सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता और दक्षता को भी बढ़ाता है. यह क्लोरोफिल चार्ज करते हुए उपज वृद्धि और स्मार्ट खेती में मदद करता है.
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