पश्चिम बंगाल के किसानों के लिए अच्छी खबर है, खासकर महिला किसानों के लिए. बंगाल सरकार महिला किसानों को सरसों के बीज फ्री में बांट रही है. महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और सरसों की खेती बढ़ाने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है. इससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है. योजना के अंतर्गत महिला किसानों को एक किलो बीज प्रति बीघा मुफ्त में दिया जा रहा है. इसके साथ ही किसानों को फंगीसाइड और प्राकृतिक खाद भी दी जा रही है.
अभी हाल में मुर्शिदाबाद जिले में इस अभियान के तहत महिला किसानों को फ्री बीज दिए गए. इस जिले के कृषि विभाग ने फ्री सरसों बीज बांटने का अभियान शुरू किया है. इस क्षेत्र में सरसों की खेती बढ़ाने के लिए इसे लॉन्च किया गया है. इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं हिस्सा ले रही हैं और फ्री बीज स्कीम का लाभ उठा रही हैं. आने वाले समय में इस इलाके में तिलहन की खेती बढ़ने की पूरी संभावना है.
मंगलवार को फरक्का ब्लॉक की 435 महिला किसानों को सरसों की खेती बढ़ाने और महिला किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए नए कार्यक्रम के तहत उच्च उपज वाले सरसों के बीज फ्री में दिए गए. यह पहल ऐसे समय में की गई है जब यहां के किसान कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जिले के अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे सरसों की पैदावार में बड़ी वृद्धि होगी. तिलहन के रेट जिस प्रकार से बढ़ रहे हैं या आगे बढ़ेंगे, उसे देखते हुए सरसों उत्पादन में वृद्धि का फायदा किसानों को जरूर मिलेगा.
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फरक्का ब्लॉक के सहायक कृषि अधिकारी बिक्रांत साहा ने बताया, "हमने 435 महिला किसानों को पीएम 28 किस्म के सरसों के बीज बांटे हैं. प्रत्येक महिला को प्रति बीघा जमीन पर एक किलोग्राम बीज दिया गया है. यह उच्च उपज वाली किस्म न केवल उन्हें 20 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन लेने में मदद करेगी, बल्कि उनकी आय में भी बड़ा इजाफा करेगी." बीजों के अलावा, महिलाओं को बीज उपचार के लिए फंगीसाइड और जैविक खाद भी दी गई, ताकि उन्हें सफल खेती करने और अच्छी पैदावार लेने में कोई अड़चन न आए.
महिलाओं के बांटे गए सरसों के बीज प्रमाणित हैं, जो अच्छी क्वालिटी वाली उपज देते हैं. साहा के अनुसार, सरसों की यह किस्म पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक उपज देती है, जिससे न केवल महिला किसानों को बल्कि पूरे कृषक समुदाय को लाभ होता है. इसके अलावा, विभाग जिले के आर्सेनिक खतरा वाले क्षेत्रों में मकई के बीज बांटने के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन करेगा, जिससे जरूरतमंद किसानों को और सहायता मिलेगी.
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