बुवाई के समय किसानों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कभी खराब मौसम का सामना करना पड़ता है तो कभी खाद और बीज की समस्या का सामना करना पड़ता है. जिससे न केवल किसानों का समय बर्बाद होता है बल्कि पैसे भी अधिक खर्च होते हैं. जिससे फसल की बुवाई में देरी होती है और इसका असर उत्पादन पर दिखाई देता है. खासकर खाद की बात करें तो अक्सर किसानों को बुवाई के समय खाद की कमी का सामना करना पड़ता है. किसान अधिक पैसा देकर खाद खरीदते हैं ताकि बुवाई समय पर हो सके. वहीं, अधिक मांग को देखते हुए कई खाद विक्रेता किसानों को अधिक पैसे में खाद बेचते हैं. किसानों की इन्हीं गंभीर समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मुरादाबाद कृषि विभाग ने ठोस कदम उठाया है. जिससे अब खाद की कालाबाजारी को रोका जा सकेगा.
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कृषि विभाग की एक अनूठी पहल देखने को मिली है. कृषि विभाग ने खाद विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी खाद विक्रेता ओवररेटिंग यानी अधिक कीमत पर किसानों को खाद नहीं बेचेगा. अगर ऐसा करते पाए गए तो खाद विक्रेता का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, मुरादाबाद में 579 पंजीकृत खाद डीलर हैं, जिनसे किसान खाद खरीदते हैं.
मुरादाबाद के जिला कृषि विभाग ने इन डीलरों को चेतावनी दी है कि अगर कोई डीलर किसान को अधिक कीमत पर खाद बेचता है या खाद बेचने में किसी तरह की हेराफेरी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही साथ उसका खाद लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा. खाद विक्रेता को उसी मूल्यों में खाद बेचना होगा जो मूल्य सरकार के द्वारा निर्धारित किए गए हैं.
किसान तक के जरिए हम अपने दर्शकों को यह भी बताना चाहते हैं कि मुरादाबाद जिले में कुल ढाई लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के चलते 584 करोड रुपए वितरित किए गए हैं. साथ ही साथ किसानों के लिए योजनाओं की जानकारी के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं. जिसके चलते किसानों को योजनाओं के बारे में पता चल रहा है और वह जागरूक हो रहे हैं.
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बजट 2023 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा इस बार कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान उर्वरक सब्सिडी (Fertiliser Subsidy) के लिए किया है जिसके चलते किसानों को कम दामों पर खाद मिलता रहेगा.
किसानों को उर्वरकों की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि खाद मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व देता है, जिससे फसलों को बढ़ने और ठीक से विकसित होने में मदद मिलती है. उर्वरकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होते हैं. ये पोषक तत्व क्लोरोफिल के उत्पादन के लिए भी आवश्यक हैं.
उर्वरक मिट्टी में पोषक तत्वों को फिर से भरने में मदद कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि फसलों के बढ़ने और ठीक से विकसित होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं. वे मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं, जिससे जल प्रतिधारण में सुधार हो सकता है और कटाव कम हो सकता है. उर्वरकों के उचित उपयोग से फसल की पैदावार बढ़ती है और फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है.
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