ओडिशा में 'खाद संकट', 15 सितंबर को राजभवन के सामने आंदोलन करेगी BJD

ओडिशा में 'खाद संकट', 15 सितंबर को राजभवन के सामने आंदोलन करेगी BJD

ओडिशा में 'उर्वरक संकट' को लेकर BJD (बीजू जनता दल) 15 सितंबर को राजभवन के सामने किसानों के पक्ष में आंदोलन करेगी. BJD की यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के उस दावे के एक दिन बाद आई है.

Advertisement
ओडिशा में 'खाद संकट', 15 सितंबर को राजभवन के सामने आंदोलन करेगी BJDओडिशा में 'खाद संकट'

इन दिनों देश के लगभग सभी राज्य के किसान खाद की समस्या का सामना कर रहे हैं. इसी बीच, ओडिशा में 'उर्वरक संकट' को लेकर BJD (बीजू जनता दल) 15 सितंबर को राजभवन के सामने किसानों के पक्ष में आंदोलन करेगी. ये फैसला बीजद ने ओडिशा की भाजपा सरकार पर किसानों की खाद की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए लिया है. विपक्षी बीजद ने शुक्रवार को कहा कि वो राजभवन के पास खाद संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी.

राज्य सरकार किसानों कर रही है गुमराह

BJD की यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के उस दावे के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ओडिशा में चालू खरीफ फसल की खेती के लिए उर्वरक की कोई कमी नहीं है. हालांकि, BJD उपाध्यक्ष संजय दास बर्मा और विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री के दावे को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों को "गुमराह" कर रही है, जो राज्य की 70 प्रतिशत आबादी हैं.

'किसानों को तत्काल मिले खाद की आपूर्ति'

दास बर्मा ने कहा कि हम किसानों को तत्काल खाद की आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसकी अभी जरूरत है. खाद आपूर्ति में और देरी से खरीफ फसल पर गलत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आपूर्ति किया जा रहा खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं है.

बता दें कि सीएमओ ने गुरुवार को एक बयान में दावा किया था कि ओडिशा को 2025 खरीफ सीजन (30 सितंबर तक) के लिए कुल 9,55,000 मीट्रिक टन उर्वरकों की आवश्यकता है. यह पूरी मात्रा केंद्र सरकार द्वारा आवंटित की गई है.

अलग-अलग जिलों में खाद की कमी

दास बर्मा ने राज्य सरकार के बार-बार खाद भंडार पर्याप्त होने के दावे को "झूठा" बताते हुए कहा कि अलग-अलग जिलों में कमी की सूचना मिली है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गंजम जिले ने 19,561 मीट्रिक टन खाद की जरूरत थी, लेकिन उसे केवल 10,640 मीट्रिक टन खाद ही मिला. भद्रक जिले ने 6,188 मीट्रिक टन उर्वरक की मांग की थी, लेकिन उसे केवल 863 मीट्रिक टन की ही आपूर्ति की गई. इसी तरह, बालासोर जिले ने 2,600 मीट्रिक टन खाद की मांग की और उसे केवल 900 मीट्रिक टन ही मिला. अंगुल को भी 8,100 मीट्रिक टन उर्वरक की मांग के मुकाबले केवल 4.954 मीट्रिक टन ही मिला.

दास बर्मा ने कहा कि राज्य भर में खाद की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है. उन्होंने आगे कहा कि किसान अब सड़कों पर उतर आए हैं और इस कमी के विरोध में राज्य भर में राजमार्गों को जाम कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि ओडिशा में "खाद का कोई संकट नहीं है".

राजभवन के सामने धरना देगी BJD

विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के "लापरवाह" रवैये के कारण ओडिशा में खाद संकट गहरा गया है.मलिक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह स्थिति पैदा हुई.

मलिक ने याद दिलाया कि लगभग सात साल पहले, केंद्र सरकार ने तालचेर उर्वरक संयंत्र का काम शुरू किया था. तब वादा किया गया था कि कारखाना 36 महीनों में चालू हो जाएगा. हालांकि, सात साल से भी ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी, संयंत्र चालू नहीं हो पाया है. साथ ही उन्होंने खाद संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है.

उन्होंने कहा कि झूठे वादे करके सत्ता हथियाना भाजपा की आदत रही है. इसलिए बीजद किसानों के हित में आवाज़ उठाएगी. 15 सितंबर को बीजू जनता दल खाद समस्या के तत्काल समाधान की मांग को लेकर राजभवन के सामने धरना देगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो पार्टी बाद में इस आंदोलन को ब्लॉक स्तर तक बढ़ा सकती है. (सोर्स- PTI)

POST A COMMENT