scorecardresearch
अंडे के छिलके को फेंके नहीं, इससे बनती है खाद, जानिए खासियत

अंडे के छिलके को फेंके नहीं, इससे बनती है खाद, जानिए खासियत

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि कैल्शियम का एक अच्छा एवं सस्ता स्रोत होने के कारण पौधों में अंडों के छिलके के पाउडर का प्रयोग किया जाना चाहिए. उर्वरक और मृदा सुधारक के रूप में इसका उपयोग करने से घरेलू कचरे की महत्वपूर्ण मात्रा को कम करने में काफी मदद मिल सकती है.

advertisement
अंडे के छिलकों से बनाएं खाद अंडे के छिलकों से बनाएं खाद

हमारे देश में अंडे का सेवन बढ़ता जा रहा है. यह प्रोटीन का सस्ता स्रोत है. इसे उबालकर खाने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के भी उपयोग में लिया जाता है. इसलिए इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. अंडे के अंदर वाले भाग का ही खाने में इस्तेमाल किया जाता है जबकि सफेद रंग वाले ऊपरी भाग (छिलका) को अनुपयोगी समझकर फेंक दिया जाता है. जैसे रसोई के बचे हुए अन्य पदार्थों को फेंक दिया जाता है. अंडे का छिलका पर्यावरण को काफी प्रदूषित करता है. इसके सड़ने से बहुत ज्यादा दुर्गंध फैलती है जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. अंडे के छिलके से निकली दुर्गंध मक्खियों को आकर्षित करती है.

ये मनुष्य में बहुत सारे रोगों को फैलाने में वाहक का कार्य करती हैं. लेकिन, क्या  आप जानते हैं कि अंडे की खाद भी बनाई जा सकती है. कृषि वैज्ञानिक मेहजबी, अनूप कुमार द्विवेदी और कमलेश मीना ने इसके बारे में विस्तातर से जानकारी दी है. इन कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि कैल्शियम का एक अच्छा एवं सस्ता स्रोत होने के कारण पौधों में अंडों के छिलके के पाउडर का प्रयोग किया जाना चाहिए. उर्वरक और मृदा सुधारक के रूप में इसका उपयोग करने से घरेलू कचरे की महत्वपूर्ण मात्रा को कम करने में काफी मदद मिल सकती है. इसका इस्तेमाल पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण के लिए किया जा सकता है. ये मिट्टी के संवर्धन और पौधों की वृद्धि में मदद कर सकते हैं. यह खाद कैल्शियम और खनिजों के खनन को कम करने में भी सहायता कर सकती है.

ये भी पढ़ें: Farmers Protest: दिल्ली-हरियाणा के आंदोलनकारियों को महाराष्ट्र के किसानों का समर्थन, प्याज की एमएसपी मांगी

अंडे के छिलके से बनी खाद की खासियत 

अंडे के छिलके से बनी खाद का प्रयोग अम्लीय मृदा को खेती योग्य बनाने में भी किया जा सकता है. इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम कार्बोनेट अम्लीय मृदा की अम्लता को कम करता है. इससे मृदा में पौधों की वृद्धि एवं विकास के अनुकूल वातावरण बन जाता है. अंडे के छिलके में पौधों के लिए अनिवार्य सूक्ष्म एवं अति सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे-यूरोनिक अम्ल, सियलिक अम्ल तथा अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं. एक अंडे के छिलके से तैयार एक चम्मच पाउडर में 750 से 800 मिग्रा कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व विद्यमान होते हैं. इस प्रकार अंडे के छिलके के पाउडर का प्रयोग कम्पोस्ट एवं अंडे के छिलके से बनी खाद का प्रयोग अम्लीय मृदा को खेती योग्य बनाने में भी किया जा सकता है. 

खाद तैयार करने की विधि  

अंडे के छिलके के पाउडर को ठोस (पाउडर) रूप में सीधे मृदा में प्रयोग किया जा सकता है या पानी (तरल रूप) के साथ घोल बनाकर पर्णीय छिड़काव किया जा सकता है. इसका उपयोग रसोई की बगिया (किचन गार्डन) तथा खेतों में भी किया जा सकता है. सबसे पहले अंडे के छिलकों को इकट्ठा करें. इसके बाद उनमें साल्मोनेला वृद्धि को रोकने के लिए पानी से अच्छी तरह से धोएं. इसके बाद कुछ रकाब के साथ 3-5 दिनों के लिए धूप में सुखाएं. सुखाने से छिलकों के प्रसंस्करण में और भी मदद मिलती है. पर्याप्त सुखाने के बाद इनका मूसल या मिक्सर ग्राइंडर की सहायता से पाउडर बनाएं. यह पाउडर घर की बगिया (किचन गार्डन) के साथ-साथ घर में हरियाली के उपयोग करने के लिए पर्याप्त रहता है.

बड़ी मात्रा के लिए, बिजली से चलने वाले ग्राइंडर की मदद से पाउडर बनाया जा सकता है. पीसते समय, नाक और मुंह किसी मास्क या कपड़े से ढककर रखें, क्योंकि पाउडर से कुछ लोगों में छींक और खांसी हो सकती है. इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, क्लोराइड, गंधक और मैग्नीशियम मिलता है.

ये भी पढ़ें: Onion Price: किसान ने 443 किलो प्याज बेचा, 565 रुपये घर से लगाने पड़े, न‍िर्यात बंदी ने क‍िया बेहाल