कालाबाजारी की वजह से बढ़ा डीएपी संकट, एक्शन में सरकार, 185 स्थानों पर मारे गए छापे

कालाबाजारी की वजह से बढ़ा डीएपी संकट, एक्शन में सरकार, 185 स्थानों पर मारे गए छापे

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपना जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि खाद की कमी नहीं है, बल्कि सच यह है कि इस साल राज्य सरकार ने पिछले साल से भी अधिक डीएपी किसानों को दिलवाई है.

Advertisement
कालाबाजारी की वजह से बढ़ा डीएपी संकट, एक्शन में सरकार, 185 स्थानों पर मारे गए छापेडीएपी संकट

देश के कई राज्यों में किसान DAP की संकट से जूझ रहे हैं. कई जगह किसानों को लाइन में खड़े रहने के बावजूद भी DAP नहीं मिल रहा है. वहीं, DAP खाद की संकट पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य में डीएपी की कोई  कमी नहीं है. विपक्ष के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए डीएपी की कमी की अफवाह फैला रहे हैं. साथ ही CM सैनी ने कहा कि राज्य में डीएपी के संकट की वजह कालाबाजारी है. इसको लेकर सरकार ने एक्शन लिया है, जिसमें 185 स्थानों पर छापे मारे गए हैं.

"हरियाणा में खाद की कमी नहीं है"

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपना जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि खाद की कमी नहीं है, बल्कि सच यह है कि इस साल राज्य सरकार ने पिछले साल से भी अधिक डीएपी किसानों को दिलवाई है और जितनी भी और मांग किसी भी किसान की होगी, उसे जरूर समय रहते पूरा किया जाएगा.  

कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में लगातार डीएपी के विषय का ध्यान रखा है और हर साल किसानों को पर्याप्त डीएपी उपलब्ध करवाया है. सरकार ने डीएपी की कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. इस वर्ष प्रदेश में 185 छापे मारे गए हैं, 105 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, 21 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, 8 लाइसेंस रद्द किए गए हैं, 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 16 मामलों में बिक्री रोक दी गई है.

ये भी पढ़ें:-  हरियाणा में किसान की आत्महत्या का मामला विधानसभा में गूंजा, विपक्ष ने डीएपी संकट को बताई वजह...सरकार ने दी सफाई

किसानों को सही मात्रा मिल रहा DAP

CM सैनी ने कहा कि पिछले वर्ष 13 नवंबर तक प्रदेश में 1 लाख 62 हजार मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी. वहीं, इस वर्ष 13 नवंबर तक 1 लाख 77 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है. यानी 15 हजार मीट्रिक टन ज्यादा डीएपी सरकार ने किसानों को दी है. इतना ही नहीं, 15 नवंबर तक जिलों में 14 हजार 750 मीट्रिक टन डीएपी और प्राप्त हो जाएगी.

CM सैनी ने विपक्ष पर साधा निशाना

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में डीएपी की मांग कांग्रेस सरकार में लगातार बढ़ती रही, लेकिन उन्होंने इसको पूरा करने पर कभी ध्यान नहीं दिया. उनके कार्यकाल में ऐसा कोई साल नहीं था जब अन्नदाता को खाद की कमी का सामना न करना पड़ा हो. वर्ष 2005 से लेकर 2013 तक किसी भी वर्ष में इसी विधानसभा की कार्यवाही निकाल कर देख लीजिए, खाद की कमी का मुद्दा यहां गूंजता रहा है. हर साल बुवाई के मौके पर डीएपी उपलब्ध नहीं होता था और किसानों को ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ती थी.

किसानों को मिले 32 फीसदी अधिक DAP

मुख्यमंत्री ने सदस्य द्वारा झज्जर में उठाए गए डीएपी के आंकड़ों का जवाब देते हुए कहा कि पिछले वर्ष 1 अक्टूबर से 12 नवंबर तक 4,455 मीट्रिक टन डीएपी किसानों द्वारा खरीदी गई थी. वहीं, इस वर्ष इसी अवधि में अब तक 5,892 मीट्रिक टन डीएपी. किसानों द्वारा खरीदी जा चुकी है. पिछले वर्ष से 32 प्रतिशत अधिक डीएपी झज्जर जिला के किसानों को दी गई है. इस समय भी झज्जर जिले में 555 मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है. साथ ही 15 नवंबर को झज्जर जिला में 1140 मीट्रिक टन डीएपी का एक और रैक भी पहुंच जाएगा.उन्होंने कहा कि नारनौंद में गत 1 अक्टूबर से 13 नवंबर तक 2090 मीट्रिक टन डीएपी किसानों द्वारा खरीदी गई है. इसके अलावा और भी जो मांग होगी, उसे भी तुरंत पूरा किया जाएगा. वहीं, अलग-अलग जिलों में 4,04,742 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है.

"हरियाणा में यूरिया की कोई कमी नहीं"

मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी सीजन 2024-25 के दौरान हरियाणा को कुल 11,20,000 मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया गया है, जिसमें से अभी तक 6,57,731 मीट्रिक टन यूरिया राज्य में प्राप्त हो चुका है. राज्य के अलग-अलग जिलों में 4,04,742 मीट्रिक टन यूरिया अभी भी उपलब्ध है. हरियाणा में यूरिया की कोई कमी नहीं है. 

POST A COMMENT