राजस्थान के धौलपुर जिले में इस बार हुई भारी बारिश के कारण किसानों की 60 फीसदी खरीफ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. लेकिन अब किसान खरीफ फसल के नुकसान को भूलकर रबी फसल की बुवाई में लग गए हैं. वहीं, धौलपुर जिले में सरसों,गेहूं और आलू फसल की बुवाई ने जोर पकड़ लिया है. सरसों और गेहूं की फसल की बुवाई करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं, जबकि आलू की भी बुवाई किसानों ने शुरू कर दी हैं. ऐसे में जिले में खाद,बीज और कीटनाशक दवा महंगी मिलने लगी है, जिससे यहां के किसान काफी परेशान हैं. किसान डीएपी और यूरिया नहीं मिलने के कारण उसे ब्लैक में खरीद रहे हैं.
किसान देवीचरण और विनीत शर्मा ने बताया कि वर्तमान में रबी की फसल की बुवाई का दौर चल रहा है. भारी बारिश के कारण खरीफ की फसल तो नष्ट हो गई है. लेकिन अब सरसों और गेहूं की फसल की बुवाई करीब-करीब पूरी हो चुकी है और खेतों में फसल उग रही है. वहीं, सरसों फसल के अंकुरित होने के साथ ही रोग ने भी दस्तक दे दी है. अज्ञात कीड़े द्वारा सरसों की पत्तियां और तनों को काटा जा रहा है. जिले में जहां अधिक जल भराव के हालात बने थे. वहां के किसान सरसों और गेंहूं की फसल की बुवाई में पिछड़ रहे हैं. सरसों के साथ अब आलू फसल की बुवाई की किसानों ने शुरुआत कर दी है. वहीं, धौलपुर जिले में आलू की सबसे अधिक बुवाई की जाती है.
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किसान ने बताया कि इस बार खाद,बीज और कीटनाशक दवाओं के साथ ही डीएपी,यूरिया बहुत ज्यादा महंगी मिल रही है. वहीं, बाजार में डीएपी पर कालाबाजारी की जा रही है. किसानों को डीएपी निर्धारित रेट 1350 रुपये के बजाय 1900 या फिर दो हजार रुपये देना पड़ रहा है. साथ ही यूरिया की रेट 270 रूपये हैं जो साढ़े तीन सौ रूपये में मिल रहा है. इसके अलावा कीटनाशक दवा और अन्य उपकरण महंगे मिल रहे हैं.
आलू का बीज भी किसानों को काफी महंगा लेना पड़ रहा है. इस बार बरसात ने भारी तबाही मचाई है.ऐसे में रबी फसल की बुवाई में लागत बहुत लग रही है. नकदी फसल आलू की बुवाई की बात की जाए तो करीब 30 से 35 हजार रुपये प्रति बीघा खाद बीज, यूरिया, जिप्सम, कीटनाशक दवाओं की लागत का खर्च किसानों को उठाना पड़ रहा है. वहीं, सरसों फसल का खर्च आलू की अपेक्षा काफी कम है. किसानों को सरसों फसल की लागत करीब 8 से 10 हजार रुपये प्रति बीघा आ रही है. ऐसे में महंगाई की मार से किसान काफी परेशान है. सरकार को किसानों को राहत देनी चाहिए.(उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)
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