उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत 4 राज्यों के किसानों को रबी सीजन के लिए मूली, धनिया और मटर की अगेती किस्मों की बुवाई करने की सलाह दी गई है. जबकि, टमाटर-गोभी समेत सब्जी फसलों की खेती के लिए अनुकूल समय बताया गया है. अधिक उपज पाने के लिए किसानों को बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करने को कहा गया है. इस बीच खरीफ सीजन की पकी खड़ी मक्का, कपास, उड़द, मूंग और सोयाबीन फसल की कटाई तुरंत कर लें, ताकि विपरीत मौसम परिस्थितियों में फसल नुकसान से बचा जा सके.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में होने वाली फसलों अधिक उत्पादन और कीट-रोगों से बचाने की सलाह दी गई है. उत्तर भारत में जहां एक तरफ मौसम धीरे-धीरे ठंड की तरफ बढ़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ खेती बाड़ी से जुड़े काम भी बदल रहे हैं. एक तरफ खरीफ सीजन की तैयार फसलों की कटाई चल रही है तो दूसरी तरफ नई फसलों की बुवाई का काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में किसानों के लिए यह बेहद व्यस्तता वाला समय है.
रबी सीजन में फसलों की बुवाई करते समय किसानों को उन्नत किस्म के बीजों को चुनने की सलाह दी गई है. बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना बेहतर तरीका साबित हो सकता है. इसके अलावा किसानों को सलाह दी गई है कि पुरानी फसलों की कटाई के बाद जो खेत खाली हुए हैं पहले उनकी ठीक से सफाई करें. उसके बाद जुताई करके खेत को अच्छे से तैयार कर लें.
उत्तर प्रदेश के किसानों को सब्जी फसलों की बुवाई करने का सुझाव दिया गया है. कहा गया है कि किसान मेथी, धनिया और मूली की बुवाई कर सकते हैं. राज्य के किसान मटर की अगेती किस्मों की बुवाई भी कर सकते हैं. उधर, दिल्ली के आसपास के इलाकों में सरसों, गाजर और मटर की बुवाई के लिए यह सही समय है. दिल्ली के पास के इलाकों में पत्ता गोभी, फ़ूल गोभी, ब्रोकली और टमाटर की रोपाई भी की जा सकती है.
हरियाणा की बात करें तो यहां पूर्वी इलाकों में तैयार धान और मक्का की कटाई जल्द करने की सलाह किसानों को दी गई है. साथ ही कपास की चुनाई शुरू करने को कहा गया है, ताकि पकी फसल बर्बाद न होने पाए. हरियाणा के किसानों के लिए इन दिनों सरसों, मूली और पालक की बुवाई करना फायदेमंद रह सकता है. पूर्वी हरियाणा के किसानों को धनिया की बुवाई के लिए अनुकूल समय बताया गया है.
उत्तराखंड के किसानों को भाबर और तराइन क्षेत्र में तैयार मक्का की कटाई तेज करने का सुझाव दिया गया है, क्योंकि देरी करने पर फसल को मौसम परिस्थितियों के चलते नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. राज्य के किसान उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल तैयार होने पर कटाई में देरी ना करें. उत्तराखंड के किसान इन दिनों सरसों की बुवाई कर सकते हैं, जबकि अगेती पत्तेदार सब्जियों की बुवाई भी जारी रखें. किसानों के लिए गेहूं, हरा चारा बरसीम और जौ की बुवाई का सही समय है.
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