
मध्य प्रदेश में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. पर इस चिलचिलाती धूप में भी किसान लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसान यहां पर कपास के बीच लेने के लिए आए हैं. खरगोन में किसानों को कपास का बीज वितरण करने के लिए टोकन की व्यवस्था की गई है. पर यही टोकन व्यवस्था उनके लिए जी का जंजाल बन रही है. आलम यह है कि किसान, महिलाएं और बच्चे भी बीच लेने के लिए लाइन में खड़े दिखाई दे रहे हैं. हालांकि यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस के जवानों की भी तैनाती की गई है. जानकारी यह भी मिल रही है कि हर दिन पर्याप्त मात्रा में बीज के पैकेट किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए किसान अपने छोटे बेटे बेटियों को भी धूप में लाइन खड़ा करने को मजबूर हैं.
बीज मिलने में हो रही देरी को लेकर किसानों के विरोध के तौर पर चित्तौड़गढ़-भुसावल स्टेट हाईवे को जाम कर दिया था. कृषि उपसंचालक ने कहा कि यहां पर हर रोज सात लाख पैकेट की जरूरत है पर मात्र तीन लाख 30 हजार पैकेट की यहां पर पहुंच रहे हैं. इसके कारण किसानों को परेशानी हो रही है. किसान सुबह चार बजे से ही लाइन में लग जा रहे हैं. कृषि उपज मंडी में स्थित बीज वितरण केंद्र पर भी टोकन लेने के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है. यहां पर कई बार गुस्साए किसान हंगामा करने भी उतारू हो जा रहे हैं. इस दौरान किसानों ने पुलिस की मौजूदगी में ही कृषि उपसंचालक का घेराव किया.
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कृषि उपसंचालक एमएल चौहान ने कहा फिलहाल पहले टोकन का वितरण किया जा रहा है. इसके बाद जैसे ही बीज प्राप्त हो जाएगा, किसानों के लिए भी उपलब्ध करा दिया जाएगा. हालांकि इसमें अभी दो चार दिन का समय लगेगा. वहीं किसानों ने कपास के बीज की कालाबाजारी किए जाने का भी आरोप लगाया है. किसानों ने कहा कि 850 रुपये के कपास के बीज के पैकेट खुले बाजार में 1400 रुपये तक में बेचा जा रहा है. हालांकि इन आरोपों पर डीडीए ने दावा किया है कि अगर कोई व्यापारी इस तरह ब्लैक में या अधिक दाम पर बीज पैकेट बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर मैं खुद दर्ज कराऊंगा. उन्होंने कहा कि हर दिन तीन लाख तीस हजार कपास के पैकेट पहुंच रहे हैं. किसानों के बीच आशा वन और राशि 659 के कपास के बीज की खूब मांग है. कपास के नए पैकेट मंगाए गए हैं. जैसे ही बीज आएंगे किसानों को दे दिया जाएगा.
वहीं किसान निर्मल यादव ने कहा कि वो सुबह 4:30 से लाइन में लगे हैं. उन्हें यह सूचना पहले नहीं दी गई थी कि बीज का वितरण नहीं किया जाएगा. अपने साथ वो लाइन में लगने के लिए महिलाओं को भी लेकर आए थे. निर्मल यादव ने बताया कि बाहर में बीज खरीदने पर 1400 रुपये लगते हैं जबकि केंद्र से साढ़े आठ सौ में बीज मिल जाता है. उन्होंने कहा कि जब बीज नहीं मिलना था तो सुबह में ही प्रशासन द्वारा जानकारी दी जानी चाहिए थी कि आज बीज नहीं मिलेगा. पांच घंटे लाइन में लगने के बाद उन्हें यह जानकारी मिलती है कि आज बीज नहीं मिलेगा. 2000 किसान लाइन में लगे यह उनके साथ मजाक है.
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खरगोन एशिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादन केंद्र माना जाता है. पर यहां भी किसानों को बीज लेने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीच पैकेट वितरण नहीं करने के चलते गुस्साए हजारों किसानों ने इंदौर-इच्छापुर स्टेट हाईवे चित्तौड़गढ़-भुसावल स्टेट हाईवे पर अनाज मंडी के सामने चक्का जाम कर दिया था. शुक्रवार को भी हालात ऐसे ही बने. किसानों ने सुबह प्रदर्शन किया और दोपहर तक टोकन के लिए लंबी-लंबी लाइन में लगे रहे.आलम यह है कि स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस के मौजूदगी में कपास बीज पैकेट वितरण किया जा रहा है. इस लंबी लाइन में लगने के बाद भी एक किसान को सिर्फ दो पैकेट की दिए जाते हैं. इसके कारण किसान अपने परिवारवालों को भी लाइन में लगाने के लिए ले आते हैं.
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