अगर बरसात में लगा रहें हैं पौधे, तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी, मिलेगा बंपर उत्पादन

अगर बरसात में लगा रहें हैं पौधे, तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी, मिलेगा बंपर उत्पादन

बरसात का मौमम आते ही किसान बागवानी फसलों की खेती शूरू कर देते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात में बागवानी फसलों की खेती करना बेहतर माना जाता है. इस सीजन में पौधे लगाने पर पौधों को पानी और पोषण दोनों मिलता है जिससे पौधे जल्दी ग्रोथ करते हैं.

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अगर बरसात में लगा रहें हैं पौधे, तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी, मिलेगा बंपर उत्पादनबरसात में ऐसे लगाएं पौधे

बरसात आते ही धान की रोपाई शुरू हो चुकी है. यह मौसम पौधरोपण के लिए भी बेहद उपयुक्त है. दरअसल, कई किसान पारंपरिक खेती के आलावा बागवानी फसलों की खेती पर भी जोर देते हैं क्योंकि बागवानी फसलों की खेती करने पर बंपर कमाई होती है. ऐसे में बागवानी से जुड़े एक्सपर्ट का मानना है कि जुलाई-अगस्त यानी बरसात के दिनों में लगाए गए पौधे की जड़ें अच्छे से विकास करती हैं और पौधे सूखते भी नहीं हैं. ये समय पौधरोपण के लिए आदर्श समय माना जाता है. इस समय मिट्टी में नमी होती है, जो पौधों की जड़ों को अच्छे से पकड़ने में मदद करती है. हालांकि, पौधरोपण करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो पौधे सूख सकते हैं. आइए जानते हैं पौधा लगाते समय किसान किन बातों का रख सकते हैं.

अच्छी क्वालिटी के लगाएं पौधे 

बरसात के मौसम में पौधे लगाने से पहले उसे खरीदते समय ध्यान देना चाहिए कि पौधा अच्छी क्वालिटी का हो तभी खरीदें. इसके अलावा पौधे किसी भी रजिस्टर्ड नर्सरी से खरीदना चाहिए. उद्यान विभाग या वन विभाग की नर्सरी से भी पौधे खरीद सकते हैं. यहां बेहद कम दामों पर किसानों को बेस्ट क्वालिटी और अलग-अलग किस्मों के पौधे मिल जाते हैं.

ऐसे करें गड्ढे को तैयार

पौधा लगाने के लिए गड्ढा खोदते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. गड्ढा खोदने के बाद गड्ढे से निकली हुई एक तिहाई मिट्टी, उतनी ही मात्रा में बालू और गोबर की सड़ी हुई खाद में कार्बेंडाजिम मिलाते हुए गड्ढे को भर कर गड्ढे को तैयार कर लें.

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किस विधि से करें बुवाई

जुलाई या अगस्त के महीने में जैसे ही बारिश हो गड्ढे में पौधे को लगाकर मिट्टी को समतल कर दें. पौधे की जड़ों को मिट्टी की ऊपरी सतह से करीब 2 से 3 इंच नीचे रखें. साथ ही ध्यान दें कि नर्सरी से लाए हुए पौधे पॉलिथीन में होते हैं. ऐसे में पॉलिथीन को अलग कर दें. फिर पौधे को गड्ढे में रखने के बाद हल्के हाथों से मिट्टी को दबा दें. ध्यान रखें कि ज्यादा जोर से न दबाएं क्योंकि पौधे की जड़ों को नुकसान हो सकता है.

पौधे को जलभराव से बचाएं

पौधा लगाने के बाद अगर बारिश ना हो या फिर जमीन सूखी हो तो पौधा लगाने से तुरंत बाद सिंचाई कर दें. साथ ही ये भी ध्यान रखें कि जिस खेत में पौधे लगा रहे हैं वहां जलभराव ना होता हो. जरूरी है कि जल की बेहतर निकासी होनी चाहिए क्योंकि अधिक जलभराव होने से पौधे सड़ जाते हैं.  

निराई-गुड़ाई भी है जरूरी

बारिश न होने की स्थिति में पर्याप्त नमी रहते हुए पौधों की निराई गुड़ाई भी कर देनी चाहिए जिससे पौधे के पास उगने वाले खरपतवार नष्ट हो जाएं. इसके अलावा मल्चिंग एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद करती है. ऐसे में पौधों के आसपास घास, पत्तियां या भूसे की परत बिछाएं. यह न केवल नमी को संरक्षित रखेगा बल्कि खरपतवार को भी नियंत्रित करेगा.

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