फसल कटाई के बाद सही प्रबंधन नहीं किए जाने के चलते किसानों को बड़े पैमाने पर फसल बर्बादी का सामना करना पड़ता है. फसल की कटाई से लेकर उसके स्टोरेज तक पहुंचने की प्रक्रिया कई दिन लंबी होती है. इस दौरान किसानों को मौसम स्थितियों, कीट और रोगों के साथ ही दूसरी वजहों से फसल नुकसान होता है. इससे बचने के लिए ओडिशा सरकार के बागवानी निदेशालय की पहल से राज्य के 19 एफपीओ को महाराष्ट्र की कृषि सलाहकार और एग्री वैल्यू चेन कंपनी सह्याद्री फार्म (Sahyadri Farms) ने पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट (PHM) की ट्रेनिंग दी है. कहा गया कि फसल कटाई के बाद नुकसान को बचा लिया जाए तो किसानों की आय में आसानी से बढ़ोत्तरी की जा सकती है.
ओडिशा सरकार किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ की मदद के लिए सहायता योजना चला रही है. इसके तहत किसानों को टिकाऊ खेती के साथ तकनीक और मॉडर्न खेती के तरीके बताए जा रहे हैं. इसका उद्देश्य किसानों की कृषि लागत को कम करना, उपज बढ़ाकर उनकी आय में इजाफा करना है. इसके तहत कटक और ढेंकनाल जिलों के 19 किसान उत्पादक संगठनों को फसल कटाई के बाद नुकसान से बचाव के तरीके महाराष्ट्र के सह्याद्री फार्म्स (Sahyadri Farms) की टीम ने 6 दिनों तक सिखाए हैं.
सह्याद्री फार्म्स (Sahyadri Farms) ने किसान उत्पादक संगठनों को एफपीओ प्रबंधन, मार्केट पहुंच और फसल स्टोरेज समेत अन्य तकनीकी जानकारियों की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग कार्यक्रम में फील्ड विजिट, संवाद और नॉलेज शेयरिंग सेशन का आयोजन किया गया. एफपीओ को सह्याद्री फार्म्स की किसान समावेशी वैल्यू चेन इनीशिएटिव को देखते हुए सौर ऊर्जा से सुखाने, खराब जल से शैवाल उत्पादन और उन्नत एफएमसीजी प्रोॉसेसिंग जैसी नई प्रथाओं की जानकारी ली.
एफपीओ प्रतिनिधियों के साथ ट्रेनिंग के दौरान ओडिशा के उपमुख्यमंत्री और कृषि और किसान सशक्तिकरण एवं ऊर्जा मंत्री कनक वर्धन सिंह देव भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार की ओर से एफपीओ योजना को समर्थन के तहत राज्य भर में 250 किसान उत्पादक संगठनों के लिए आगामी महीनों में प्रदर्शन दौरे और बाजार उन्मुख प्रशिक्षण आयोजित करना जारी रहेगा. उन्होंने कहा किसानों को टिकाऊ और मॉडर्न खेती को अपनाना होगा, ताकि उपज बढ़ाने के साथ लागत कम की जा सके.
सह्याद्री फार्म्स के सीएमडी विलास शिंदे ने कहा कि हम एफपीओ प्रतिनिधियों को खेती, प्रबंधन समेत आदि की जानकारी देकर खुश हैं. हम सह्याद्री मॉडल को दोहराने और राज्य में किसानों को स्थायी प्रथाओं और वैल्यू चेन विकास रणनीतियों के साथ सशक्त बनाने के लिए ओडिशा सरकार के साथ आगे सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. उन्होंने कहा कि टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने और बाजार की प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए अनानास, नींबू, केला, आम और अमरूद सहित उपयुक्त बागवानी फसलों के चयन पर जोर दिया गया.
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