Aeroponic Farming: क‍िसान अब हवा में करें आलू की खेती, 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा उत्पादन

Aeroponic Farming: क‍िसान अब हवा में करें आलू की खेती, 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा उत्पादन

एरोपोनिक तकनीक (aeroponic technology) द्वारा किसान अब बिना जमीन, बिना मिट्टी के ही हवा में आलू की खेती कर सकेंगे और पैदावार भी 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा.

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Aeroponic Farming: अब मिट्टी में नहीं, हवा में करें आलू की खेती, 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा उत्पादनएरोपोनिक तकनीक

Aeroponic Farming: कम लागत और कम समय में किसानों को ज्यादा से ज्यादा उपज मिल सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं, कृषि क्षेत्र में आए दिन नई-नई तकनीकें आ रही हैं जिनसे कम लागत और कम समय में ज्यादा से ज्यादा उपज प्राप्त की जा सकती है. कुछ इसी तरह की एरोपोनिक तकनीक भी है. एरोपोनिक तकनीक द्वारा किसान अब बिना जमीन, बिना मिट्टी के ही हवा में आलू की खेती कर सकेंगे और पैदावार भी 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा.

एरोपोनिक तकनीक क्या है? (What is aeroponic technology?)

इस तकनीक में नर्सरी में आलू की पौध तैयार की जाती है. इसके बाद पौधे की जड़ों को फफूंदनाशक बाविस्टिन में डुबोते हैं. इस वजह से उसमें कोई भी फंगस नहीं लगता. इसके बाद बेड बनाकर उसमें कॉकपिट में इन पौधों को लगा दिया जाता है. तब फिर 10 से 15 दिनों बाद इन पौधों को एरोपोनिक यूनिट के अंदर लगा दिया जाता है. इसके बाद अपने समय के अनुसार आलू की फसल तैयार हो जाती है.

एरोपोनिक तकनीक में खर्च और आमदनी

जो किसान खेती करके आलू की फसल से ज्यादा लाभ नहीं ले पाते, वे किसान एरोपोनिक तकनीक से हवा में आलू उगाकर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, इस तकनीक में ज्यादा खर्च नहीं आता है. अगर बात आमदनी की करें तो एरोपोनिक तकनीक से किसानों को खेतों के मुकाबले ज्यादा मोटी कमाई हो सकती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एरोपोनिक तकनीक से हर 3 महीने में आलू की फसल ली जा सकती है. 

इसके अलावा, एरोपोनिक तकनीक से आलू उगाने पर खाद, उर्वरक और कीटनाशकों का ज्यादा खर्च भी नहीं आता है. एरोपोनिक तकनीक, एक ऐसी तकनीक है जो अपने आप मिट्टी और जमीन की कमी को पूरा करती है, जिसके चलते ये आलू उगाने की किफायती तकनीक भी कहलाती है. वहीं, इस तकनीक से आलू उगाने पर, फसल के सड़ने, कीड़ा या रोग लगने की संभावना भी नहीं रहती है. 

लटकती हुई जड़ों के जरिए दिए जाते हैं पौध में पोषक तत्व

एरोपोनिक तकनीक में जो भी पोषक तत्व पौधों को दिए जाते हैं, वह मिट्टी के जरिए नहीं, बल्कि लटकती हुई जड़ों के जरिए दिए जाते हैं. इस तकनीक के जरिए आलू के बीजों का बहुत ही अच्छा उत्पादन कर सकते हैं जोकि किसी भी मिट्टी जनित रोगों से रहित होंगे.

एरोपोनिक तकनीक का आविष्कार 

एरोपोनिक तकनीक का आविष्कार हरियाणा राज्य के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र में की गई है. वहीं  केंद्र सरकार ने भी ऐरोपोनिक पोटैटो फार्मिंग से आलू की खेती करने की मंजूरी किसानों को दे दी है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी और लागत भी कम लगेगी.

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