Mango Farming: बदलते मौसम से आम की फसल को बचाना जरूरी, एक्सपर्ट टिप्स को फॉलो करें किसान

Mango Farming: बदलते मौसम से आम की फसल को बचाना जरूरी, एक्सपर्ट टिप्स को फॉलो करें किसान

कृषि वैज्ञानिक शिवम सिंह बताते हैं कि आम की खेती में फूलों से फल लगने तक कई कीट व रोग नुकसान पहुंचाते हैं, जिसका असर आम उत्पादन पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस प्रकार से फसल का पूर्ण रूप से बचाव किया जा सकता है.

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Mango Farming: बदलते मौसम से आम की फसल को बचाना जरूरी, एक्सपर्ट टिप्स को फॉलो करें किसान आम के पेड़ में आ गए हैं फूल तो जरूर कर लें ये काम (Photo-Kisan Tak)

Mango Farming: आम की खेती लगभग पूरे देश में की जाती है. देश में आम (Mango) की 1500 से ज्‍यादा किस्‍म हैं. आम के अनोखे स्वाद की वजह से इसे फलों का राजा कहा गया है. वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. उधर, बदलते मौसम के दुष्प्रभाव आम के फूल पर पड़ने लगते हैं. फिलहाल, बारिशऔर ओलावृष्टि के बाद फसल में कीट लगने और उसके झुलसने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इधर, आम में मंजर को देखकर किसानों के चेहरे खिल गए हैं, लेकिन इस खुशी को बनाए रखने के लिए आपको कुछ विशेष प्रबंधन करने की जरूरत है. 

इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा बागपत के वैज्ञानिक शिवम सिंह ने बताया कि आम के पेड़ों पर फूल आना शुरू हो गए हैं. लेकिन, बदलते मौसम के दुष्प्रभाव आम के फूल पर पड़ने लगते हैं. उन्होंने बताया कि फूल पर झुलसा रोग देखने पर उसमें कार्बेंडाजिम के साथ मैंकोजेब या प्रोपिनेब का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी अथवा ट्राईफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन के साथ टेबूकोनाजोल का 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी मिलाकर उस पर छिड़काव करें. फसल में कीट दिखने पर मोनोक्रोटोफोस या लेम्डा साइलोथ्रिन या क्वीनालफॉस का 1 से 1.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए.

क्या है गुच्छा रोग?

 शिवम सिंह ने बताया कि मार्च और अपैल के महीने में आम की फसलों पर गुच्छा रोग लगने की संभावना ज्यादा होती है, ऐसे में मामूली सा उपाय कर किसान अपने आम की फसल को सुरक्षित और इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकते हैं. सिंह ने बताया कि यह आम का सबसे खतरनाक रोग है, जिससे 20-25 प्रतिशत नुकसान देखा गया है. इस रोग के लक्षण दो प्रकार से प्रकट होते हैं. प्रभावित फूल या कलियां मोटी, गुच्छेदार हो जाती हैं और ऐसे फूलों पर फल नहीं लगते हैं. यह रोग फूल आने के समय होता है जिसके कारण फूल और पत्तियां मिलकर गुच्छा बन जाते हैं और कलियां पत्तियों में परिवर्तित हो जाती हैं. इसके अलावा पेड़ की शाखाओं पर छोटी-छोटी पत्तियां मिलकर एक गुच्छा बनाती हैं. जिस वजह से इस रोग के कारण पेड़ों पर फल नहीं लग पाता है. 

आम उत्पादन पर पड़ता है असर

कृषि वैज्ञानिक शिवम सिंह बताते हैं कि आम की खेती में फूलों से फल लगने तक कई कीट व रोग नुकसान पहुंचाते हैं, जिसका असर आम उत्पादन पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस प्रकार से फसल का पूर्ण रूप से बचाव किया जा सकता है और उत्पादन क्षमता भी अधिक हो जाती है. किसानों को लगातार अपने पेड़ों पर नजर बनाए रखनी है. और कहीं भी झुलसा या कट दिखने पर तुरंत इसका प्रबंध करें. 

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