मसालों का उपयोग ज्यादातर लोग रसोई में बनने वाले जायकों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. मसालों के सेवन से स्वाद ही नहीं बढ़ता हैं बल्कि सेहत से जुड़ी हुई कई बीमारियों के लिए भी यह फायदेमंद होते हैं. सही मात्रा में मसाले के सेवन से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है. भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान के द्वारा 10 ऐसे ही मसालों पर विशेष तौर पर काम किया जाता है. मसाले के उत्पादन के साथ-साथ उनके स्वाद ,फ्लेवर और उनके आयुर्वेदिक महत्व पर भी संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा विशेष तौर पर काम किया जाता है. संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजीव कुमार बताते हैं की मसाले फ्लेवर और टेस्ट के लिए ही नहीं बल्कि हमारे शरीर के स्ट्रेस को दूर करने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं. इसके साथ ही कई बीमारियों में मसालों का अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है. आईए जानते हैं ऐसे कौन से मसाले हैं जिनका उपयोग हमारे सेहत के लिए जरूरी है.
भारतीय मसाले की अपनी अलग पहचान है. इसी वजह से जब अंग्रेज देश में आए तो उन्होंने इन मसाले की खूबियों को समझा और फिर इन्हें कई देशों तक पहुंचाने का काम किया. भारतीय मसालों में कई ऐसे गुण है जिनका उपयोग स्वाद के साथ-साथ सेहत से जुड़ी हुई बीमारियों के लिए भी प्राचीन काल से होता आ रहा है.
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इलायची- इलायची दो तरह की होती है. एक हरी इलायची जिसका उपयोग स्वाद के साथ-साथ माउथ फ्रेशनर के रूप में भी उपयोग होता है. दूसरी काली इलायची इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां भी दूर होती है. इलायची के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है. जुकाम और गले की खराश दूर होती है. हिचकी बंद हो जाती है. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और दिमागी स्वास्थ्य भी ठीक रहता है.
सौंफ- सौंफ का उपयोग मसाले के साथ-साथ माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है. खाने के बाद सौंफ खाने से न सिर्फ पाचन दुरुस्त रहता है बल्कि इससे आंख की कमजोरी दूर होती है. दिल की बीमारियों को दूर रखता है. हाथ पैर की जलन और ब्लड प्रेशर के लिए भी फायदेमंद माना गया है.
जीरा- जीरा का उपयोग गरम मसाले में किया जाता है. जीरा न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनता है बल्कि इसको भूनकर खाने से कई तरह की बीमारियां भी ठीक हो जाती है. जीरे के उपयोग से वजन नियंत्रित रहता है. यह वजन को नियंत्रित करने में सहायक है. हड्डियों को मजबूत रखने में भी सहायक माना गया है. इसके साथ ही मां को दूध बढ़ाने में भी सहायक माना गया है.
दालचीनी- दालचीनी एक ऐसा मसाला है. इसके उपयोग से खाने का स्वाद बढ़ जाता है. वही इसके सेहत से जुड़े फायदे भी भरपूर है. दालचीनी की नियमित उपयोग से त्वचा स्वस्थ रहती है. बढे हुए कोलेस्ट्रॉल को यह कम रखना है. जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद है.
हल्दी का उपयोग सभी जायकों में किया जाता है. हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक प्राकृतिक तत्व होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है. इसके उपयोग से चोट लगने पर फायदा पहुंचता है. इसके अलावा सर्दी-जुकाम गले में सूजन होने पर भी यह उपयोगी है. हल्दी एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करती है. गठिया और एक्ने जैसी त्वचा की समस्याओं को दूर करने में यह उपयोगी है. हालिया अध्ययन के मुताबिक शरीर के जहरीले पदार्थ को निकालने में हल्दी सहायक मानी जाती है. हल्दी में एंटी-कार्सिनोजेन सबसे ज्यादा है. इसके उपयोग से कैंसर के उपचार और रोकथाम को लेकर भी शोध जारी है.
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