Fruits: थोड़ी सी लापरवाही से इन चार फलों को हो सकता है भारी नुकसान, जानिए बचाव के उपाय

Fruits: थोड़ी सी लापरवाही से इन चार फलों को हो सकता है भारी नुकसान, जानिए बचाव के उपाय

आम, लीची, नींबू और अनार जैसे फलों के किसानों के सामने फलों के गिरने और फटने की समस्या एक आम चुनौती बन गई है, जिससे उनकी उपज में भारी गिरावट आ रही है. फलों के फटने और गिरने से 25% से 85% तक फसलें बर्बाद हो सकती हैं.

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Fruits: थोड़ी सी लापरवाही से इन चार फलों को हो सकता है भारी नुकसान, जानिए बचाव के उपायइस मौसम में आम के फलों को हो सकता है नुकसान

इस समय आम, लीची, नींबू और अनार जैसे फलों के किसानों के सामने फलों के गिरने और फटने की समस्या एक आम चुनौती बन गई है, जिससे उनकी उपज में भारी गिरावट आ रही है. फलों के फटने और गिरने से 25 फीसदी से 85 फीसदी तक फसलें बर्बाद हो सकती हैं. बागवानी में फलों के फटने या गिरने के कई कारण हैं, जिनमें प्राकृतिक कारण जैसे कि उच्च तापमान, नमी और कम बारिश, और गर्म हवाएं शामिल हैं. इसके अलावा, पौधों में पोषक तत्वों की कमी भी एक अहम कारक है.

कृषि विज्ञान केंद्र रामपुर के हेड और पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ मंयक कुमार राय ने बताया कि मौसम में अचानक परिवर्तन से अचानक बारिश, तापमान में बदलाव या आर्द्रता में कमी से फल फट सकते हैं. मिट्टी में नमी की कमी या अधिकता के कारण फल फट जाते हैं. सिंचाई में अनियमितता भी बड़ा कारण है. यानी बाग में सिंचाई में अनियमितता से भी फल फटने लगते हैं. पोषक तत्वों की कमी जैसे बाग के मिट्टी में कैल्शियम, बोरान और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण फल फट जाते हैं. उचित देखभाल और प्रबंधन की कमी भी फलों के फटने का कारण बन सकती है. 

डॉ. मंयक कुमार राय ने फल फटने की समस्या को रोकने लिए बागवानों ये उपाय सुझाए. आप भी जान लीजिए.

आम और लीची में फल फटने से बचाव के उपाय

बोरान का छिड़काव: आम के फटने की समस्या होने पर, 15 अप्रैल के आसपास, प्रति लीटर पानी में 4 ग्राम घुलनशील बोरेक्स का घोल छिड़कें. लीची में, फलों के लौंग के आकार के बन जाने पर, अप्रैल के पहले सप्ताह में बोरान का पहला छिड़काव 4 ग्राम प्रति लीटर पानी और दूसरा छिड़काव मई के पहले सप्ताह में करें.

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सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव: सूक्ष्म पोषक तत्वों का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल के फटने की समस्या में कमी आती है.

ओवरहेड स्प्रिंकलर: ओवरहेड स्प्रिंकलर का उपयोग करके फलों पर पानी छिड़कें, जो तापमान और आर्द्रता में उतार-चढ़ाव को कम कर सकता है. तापमान नियंत्रण लीची के पकने के समय तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाए तो, लीची के पेड़ों की दो लाइनों के बीच ओवरहेड स्प्रिंकलर लगाएं. 

अनार और नींबू में फल फटने से बचाव के उपाय

  • पोषक तत्वों का छिड़काव: नींबू और अनार में पोषक तत्वों की कमी होने पर, बगीचे में बोरेक्स 0.02%, कॉपर सल्फेट 0.3% और पोटेशियम सल्फेट 2% का छिड़काव करें.
  • एनएए और जिब्रेलिक एसिड का छिड़काव: एनएए @ 20 पीपीएम और जिब्रेलिक एसिड के 10 पीपीएम का छिड़काव करें. 
  • जून में अनार पर बोरेक्स 1% और नींबू पर जिब्रेलिक एसिड @ 120 पीपीएम का छिड़काव करें.

 ये उपाय अपनाना भी जरूरी

  1. फलों को कवर करना: आम और अनार जैसे फलों को कवर करके आप कीट के आक्रमण से भी उन्हें बचा सकते हैं.
  2. सिंचाई और मल्चिंग: लगातार संतुलित सिंचाई और मल्चिंग तकनीक अपनाएं.
  3. पोषक तत्वों का प्रबंधन: पोषक तत्वों का सही प्रबंधन भी इस समस्या से बचा सकता है.
  4. बगानों की सुरक्षा: बगानों के चारों तरफ बड़े झुरमुट वाले पेड़ लगाकर गर्म और शुष्क हवाओं से फलों और पेड़ों की रक्षा करें.

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इन उपायों को अपनाकर किसान फलों के फटने और गिरने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, जिससे उनकी उपज में वृद्धि होगी और उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा.

 

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