Advisory for Wheat Crop: गेहूं की फसल के लिए आई नई एडवाइजरी, जानिए इसमें क्या है खास

Advisory for Wheat Crop: गेहूं की फसल के लिए आई नई एडवाइजरी, जानिए इसमें क्या है खास

गेहूं की फसल में लोजिंग (फसल का गिरना) के नियंत्रण के लिए क्या करें क‍िसान. पीला रतुआ का प्रकोप कैसे रुकेगा और गुलाबी बेधक का मैनेजमेंट कैसे होगा. यदि गेहूं के खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले दोनों तरह के खरपतवार हों तो क्या है इसका समाधान. इस एडवाइजरी में है सबका जवाब.

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Advisory for Wheat Crop: गेहूं की फसल के लिए आई नई एडवाइजरी, जानिए इसमें क्या है खासगेहूं की खेती करने वाले क‍िसानों के ल‍िए एडवाइजरी जारी.

आगामी दिनों में बार‍िश और तापमान पूर्वानुमान के संबंध में गेहूं शोधकर्ताओं और आईएमडी से मिले इनपुट के आधार पर भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है. क‍िसान इसके ह‍िसाब से गेहूं की फसल का मैनेजमेंट करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. क‍िसानों को सलाह दी गई है क‍ि नाइट्रोजन की खुराक का प्रयोग बुआई के 40-45 दिन बाद तक पूरा कर लेना चाहिए. बेहतर परिणाम के लिए सिंचाई से ठीक पहले यूरिया डालें. साथ ही पाला मैनेजमेंट के लिए आईएमडी के पूर्वानुमान का ध्यान रखते हुए गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई की सलाह दी गई है. 

देर से बोई गई फसल के लिए खरपतवार मैनेजमेंट की सलाह दी गई है. यदि गेहूं के खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले दोनों तरह के खरपतवार हों तो पहली सिंचाई से पहले या सिंचाई के 10-15 दिन बाद 120-150 लीटर पानी में सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी 13.5 ग्राम प्रत‍ि एकड़ या सल्फोसल्फ्यूरॉन मेटसल्फ्यूरॉन 16 ग्राम प्रत‍ि एकड़ की दर से 120-150 लीटर पानी में प्रयोग करें. 

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पीला रतुआ का न‍िदान क्या है? 

रतुआ के लिए अनुकूल मौसम को ध्यान में रखते हुए, किसानों को सलाह दी गई है कि वे धारीदार रतुआ (पीला रतुआ) की घटनाओं को देखने के लिए नियमित रूप से अपनी फसल का निरीक्षण करें. यदि किसान अपने गेहूं के खेतों में पीला रतुआ देखते हैं और इसकी पुष्टि करते हैं तो मैनेजमेंट के ल‍िए कुछ उपाय सुझाए गए हैं. 

इसके प्रसार को रोकने के लिए संक्रमण क्षेत्र पर प्रोपीकोनाजोल 25 ईसी @ 0.1 प्रतिशत या टेबुकोनाजोल 50% + ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 25% डब्ल्यूजी @ 0.06% का एक स्प्रे दिया जाना चाहिए. एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर केम‍िकल मिलाना चाहिए और इस प्रकार एक एकड़ गेहूं की फसल में 200 मिलीलीटर कवकनाशी (Fungicide) को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. 

जिन किसानों ने पिछले वर्ष एक प्रकार के कवकनाशी का उपयोग किया है उन्हें इस वर्ष वैकल्पिक कवकनाशी का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है. मौसम साफ होने पर किसानों को फसल पर छिड़काव करना चाहिए. 

कीट प्रबंधन

  • गेहूं में संक्रमित कल्लों को हाथ से चुनने और उन्हें नष्ट करने से छेदक का हमला कम हो जाता है. 
  • संक्रमण से बचने के लिए, नाइट्रोजन उर्वरकों को विभाजित खुराकों में उपयोग करने की सलाह दी जाती है. 
  • यदि प्रकोप अधिक हो तो 1000 मिलीलीटर क्विनालफॉस 25% इसी को 500 लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर मिलाकर छिड़काव करें. 

गेहूं की फसल में लोजिंग नियंत्रण 

उच्च उर्वरता वाली सिंचित परिस्थितियों में अगेती बोई गई गेहूं की फसल में लोजिंग (फसल का गिरना) के नियंत्रण के लिए विकास नियामकों का उपयोग किया जा सकता है. ग्रोथ रेगुलेटर क्लोरमेक्वाट क्लोराइड (सीसीसी) @0.2% + टेबुकोनाजोल 250 ईसी @ 0.1% वाणिज्यिक उत्पाद खुराक के टैंक मिश्रण के रूप में दो स्प्रे पहले नोड (बुवाई के 50-50 दिन बाद) और ध्वज पत्ती (बुआई के 75-85 दिन बाद) पर करें.  जिन किसानों ने अगेती बुआई वाले गेहूं पर पहला छिड़काव नहीं किया है वे बुआई के 70-80 दिन बाद केवल एक ही छिड़काव कर सकते हैं.

गुलाबी बेधक के लिए सलाह

गुलाबी छेदक (Pink Borer) का हमला उन क्षेत्रों में देखा गया है जहां विशेष रूप से धान, मक्का, कपास, गन्ना उगाया जाता है.  गेहूं की फसल को मुख्यतया इल्लियों द्वारा क्षति होती है. कैटरपिलर तने में प्रवेश करता है और ऊतकों को खाता है. इससे फसल की प्रारंभिक अवस्था में तने में डेड हार्ट बन जाते हैं. प्रभावित पौधे पीले पड़ जाते हैं और आसानी से उखाड़े जा सकते हैं. जब पौधों को उखाड़ा जाता है तो उनकी निचली शिराओं पर गुलाबी रंग की इल्लियां देखी जा सकती हैं. 

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