Gardening Tips: आपके किचन में ही है गार्डन को ऑर्गेनिक बनाने का इंतजाम, रॉकेट की स्पीड से बढ़ेंगे पौधे!

Gardening Tips: आपके किचन में ही है गार्डन को ऑर्गेनिक बनाने का इंतजाम, रॉकेट की स्पीड से बढ़ेंगे पौधे!

शहरों के लोगों की सबसे बड़ी समस्या ऑर्गेनिक चीजों को लेकर रहती है. उन्हें गार्डन में यूज किए जाने वाले खाद और कीटनाशक बाजार से ही खरीदने होते हैं जो कई बार जैविक नहीं होते. आपको बता दें घर में मिलने वाली चीजों को गार्डन में यूज कर कैसे बगीचे को जैविक रख सकते हैं.

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आपके किचन में ही है गार्डन को ऑर्गेनिक बनाने का इंतजाम, रॉकेट की स्पीड से बढ़ेंगे पौधे!किचन गार्डन को ऑर्गेनिक बनाने की टिप्स

आजकल लोग जब भी नया घर खरीदते हैं या रिनोवेशन करवाते हैं तो उसमें गार्डनिंग के लिए जगह बनवाना नहीं भूलते. होम गार्डनिंग कई मामलों में आपके लिए फायदेमंद है, जैसे आपको ताजे और पोषक गुणों से भरपूर फल, सब्जी और मसाले घर पर ही मिल जाएंगे. इससे बेहतर सेहत के साथ पैसों की भी बचत होगी. इसके अलावा गार्डनिंग में कटाई-छंटाई, पानी देना, गमलों की देखभाल करना टाइम पास का सबसे अच्छा जरिया है. बढ़ते हुए पौधों को देखना मेंटल पीस के लिए भी अच्छा माना जाता है.

गार्डनिंग करने वाले लोग हमेशा अपने गार्डन को ऑर्गेनिक रखना चाहते हैं लेकिन बिना केमिकल का इस्तेमाल किए पौधों और फल-फूल की अच्छी ग्रोथ कैसे होगी? इस बात को लेकर चिंता में रहते हैं. आइए जान लेते हैं कि किचन या घर में आसानी से मिलने वाली चीजों को कैसे आप गार्डन में यूज कर सकते हैं. 

गार्डनिंग से जुड़ी बेसिक बातें

पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए खाद-पानी तो बाद की बात है उससे पहले सही जगह, सही गमले और सही मिट्टी का चयन करना चाहिए. गार्डनिंग के लिए हमेशा वही जगह चुनें जहां सूर्य की रोशनी बराबर आती हो. दूसरी ध्यान रखने वाली बात ये है कि गमले हमेशा पौधों की साइज के अनुसार ही चुनें. मिर्च, टमाटर, बैंगन या फूलों के पौधों के लिए 12 इंच गहराई वाले गमले लीजिए.

मूली, गाजर, गोभी या बड़ी पत्तेदार वाली सब्जियां उगाने के लिए 16-18 इंच गहराई वाले गमले लें. सजावटी फूल, बेलदार पौधे या पालक जैसी सब्जियों के लिए 6 इंच गहराई वाले गमले या कंटेनर भी पर्याप्त होंगे. मिट्टी की बात करें तो मिट्टी में किसी तरह के फंगस या कीट नहीं होना चाहिए. गमले में भरने से पहले 1-2 दिन धूप में रखें जिससे उसकी नमी सूख जाए, इसके साथ ही मिट्टी भुरभुरी रहनी चाहिए. 

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इन चीजों से बढ़ेगी पौधों की ग्रोथ

आप किसी केमिकल चीजों का इस्तेमाल किए बिना भी पौधों की ग्रोथ बढ़ा सकते हैं. सबसे पहले गमले में भरी जाने वाली मिट्टी के साथ नारियल के छिलकों को पीसकर बनाई गई कोकोपीट मिला लीजिए इससे बीज अंकुरण में मदद मिलेगी. मिट्टी में कीट या फफूंद के खतरे को मिटाने के लिए नीम की खली, छाछ या फिर हल्दी का इस्तेमाल करें.

कीटनाशक के रूप में नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर बनाए गए ऑर्गेनिक लिक्विड स्प्रे का यूज करें. इसके अलावा छाछ को भी स्प्रे कर सकते हैं. खाद की बात करें तो 30-45 दिन बाद आप वर्मी कंपोस्ट, चाय छानने के बाद बची चाय पत्ती की खाद या फिर चूल्हे की राख का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पौधों को वो सभी पोषक गुण मिलेंगे जिससे उनकी ग्रोथ तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है. 

सिंचाई का सही तरीका

जब हम सब छोटे होते हैं तो यही लगता है कि पौधों को जितना पानी देंगे वो उतनी ही रफ्तार से बढ़ेंगे. पौधों को पानी की तो जरूरत होती है लेकिन बचपन वाली सोच बड़े होने पर गलत साबित हो जाती है. दरअसल पौधों को जरूरत से ज्यादा पानी देने के फायदे नहीं बल्कि नुकसान हैं. पौधों को ज्यादा पानी देने से जड़ सड़ने लगती है. साथ ही मिट्टी में कई कीट पनपते लगते हैं और फंगस का खतरा भी बढ़ जाता है. सिंचाई से पहले हर बार मिट्टी की नमी चेक करें. अगर मिट्टी सूखी है तो उसे गीली करने जितना ही पानी दें. पौधों की जड़ें उतना ही पानी अवशोषित करती हैं जितने की उन्हें जरूरत होती है. जलभराव करने से बचें. 

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