देश में सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जाती हैं जिसका फायदा आसानी से उठाया जा सकता है. कई योजनाएं तो ऐसी भी होती हैं जिसके बारे में लोगों को पता नहीं होता. दूसरी और कई योजनाएं ऐसी भी हैं जिनका नाम लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इसी में एक है मनरेगा जिसे आम बोल चाल की भाषा में नरेगा (NREGA) भी बोलते हैं. देश के ग्रामीण इलाकों में इस योजना का नाम सबसे अधिक है क्योंकि इसमें गारंटीड रोजगार की सुविधा मिलती है. इसके लिए श्रमिकों का एक कार्ड बनता है जिसे नरेगा जॉब कार्ड (NREGA Job Card) भी कहते हैं.
NREGA का अर्थ है राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून. इस कानून की शुरुआत 2005 में हुई थी जिसमें साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार देने का नियम है. ऐसे श्रमिक जो अकुशल हैं, उन्हें रोजगार की गारंटी मिलती है. बाद में इस कानून में थोड़ा बदलाव कर MGNREGA कर दिया गया जिसमें अन यूटिलाइज्ड या अंडर यूटिलाइज्ड ग्रामीण लोगों को जोड़ा गया.
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नरेगा जॉब कार्ड एक जरूरी कागजात है जिससे पता चलता है कि आप नरेगा में रोजगार के लिए योग्य हैं. इसमें श्रमिक के कई रिकॉर्ड होते हैं जैसे नरेगा का रजिस्ट्रशन नंबर और लाभार्थी से जुड़े अन्य जानकारियां. यह जॉब कार्ड श्रमिकों को रोजगार की गारंटी भी देता है. यानी जिसके पास यह कार्ड होगा वह रोजगार के लिए पात्र होगा. यह कार्ड फ्रॉड से भी बचाता है क्योंकि जिसके नाम यह कार्ड होता है, उसके खाते में ही पैसे आते हैं.
इन दोनों कागजातों को लिंक करना जरूरी है वरना श्रमिक का जॉब कार्ड वेरिफाई नहीं होगा. आजकल सरकार हर सर्विस में आधार को जरूरी कर रही है ताकि धांधली रोकी जा सके. इसी में नरेगा जॉब कार्ड को आधार से लिंक करना भी शामिल है. जॉब कार्ड को आधार से लिंक करने का सबसे आसान तरीका ये है कि आप उसमें दिए गए रजिस्ट्रेशन डाटा को अपडेट करें और उसमें आधार नंबर भी दर्ज करें. इससे आपका आधार लिंक हो जाएगा और आपको नरेगा की सेवाएं मिलती रहेंगी.
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