इलायची एक महंगा और महत्वपूर्ण मसाला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप भी इसे आसानी से घर पर उगा सकते हैं. अगर रसोई में पड़ी इलायची के दाने साबुत और कच्चे हैं, तो उनसे पौधा तैयार किया जा सकता है. इलायची के लिए बीज से लेकर सही मिट्टी, पानी और धूप तक का ध्यान रखना पड़ता है. आज हम आपको उन आसान टिप्स के बारे में बता रहे हैं जो इलायची उगाने में आपकी मदद कर सकते हैं.
इलायची के लिए सबसे पहले सही बीज का चयन करना जरूरी है. हरी और साबुत इलायची का चुनाव करें और ध्यान रखें कि यह पुरानी, प्रोसेस्ड या बहुत ज्यादा सूखी न हो. फली को हल्का तोड़कर उसके अंदर से काले बीज निकाल लें. बीजों को 24 घंटे के लिए गुनगुने पानी में भिगोना चाहिए. इसके अलावा, टिश्यू पेपर मेथड से भी बीज अंकुरित किए जा सकते हैं. इसके लिए बीजों को गीले कपड़े या टिश्यू में रखकर 5–7 दिन में अंकुरण शुरू हो जाएगा.
पौधे के लिए मिट्टी का चयन बहुत महत्वपूर्ण है. इलायची नमी वाली, उपजाऊ और जैविक खाद युक्त मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ती है. मिट्टी तैयार करने के लिए 50 फीसदी बगीचे की मिट्टी, 30 फीसदी गोबर की खाद या कंपोस्ट और 20 फीसदी रेत या कोकोपीट मिलाकर सही मिश्रण तैयार किया जा सकता है. गमले के लिए 10–12 इंच का गमला या ग्रोबैग लेना चाहिए, जिसमें नीचे छेद होना आवश्यक है ताकि पानी जमा न हो. तैयार मिट्टी में बीज को 1–2 सेंटीमीटर की गहराई में बो दें और ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर पानी छिड़क दें.
इलायची के पौधे को छायादार जगह में रखना जरूरी है क्योंकि यह सीधी धूप में ठीक से नहीं बढ़ती. पौधे की मिट्टी को हमेशा हल्की गीली रखें लेकिन पानी जमा न होने दें. हर 20–25 दिन में पौधे के लिए गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. बीज से अंकुर निकलने में 20–30 दिन लग सकते हैं और पौधा 2–3 साल में बड़ा होकर फल देने लगता है.
इलायची नमी पसंद करती है, इसलिए गर्मियों में पत्तों पर हल्की पानी की स्प्रे करना फायदेमंद होता है. यह पौधा घर के कोने, बालकनी या छत पर भी आसानी से लगाया जा सकता है. सही मिट्टी, पर्याप्त नमी और छायादार जगह के साथ यह पौधा अच्छी तरह बढ़ता है और धीरे-धीरे फल देने लगता है. घर पर उगाई गई इलायची न केवल मसाले की ताजी आपूर्ति देती है बल्कि गार्डनिंग का शौक भी पूरा कर सकती है.
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