Tomato Farming: टमाटर की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह एक छोटी सी चीज 

Tomato Farming: टमाटर की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह एक छोटी सी चीज 

किसानों के लिए नीम का पाउडर  एक सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी उपाय साबित हो रहा है. यह न सिर्फ मिट्टी को स्वस्थ बनाता है, बल्कि पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. ऑर्गेनिक खेती करने वाले ऐसे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता चाहते हैं, उनके लिए नीम पाउडर का प्रयोग एक समझदारी भरा कदम हो सकता है.

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Tomato Farming: टमाटर की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह एक छोटी सी चीज टमाटर की खेती के लिए बेस्‍ट है यह एक चीज

टमाटर भारत की सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक है. इसकी खेती देश के लगभग हर हिस्से में की जाती है. लेकिन टमाटर की फसल पर कीटों और रोगों का हमला आम बात है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है. ऐसे में किसानों के लिए नीम का पाउडर  एक सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी उपाय साबित हो रहा है. यह न सिर्फ मिट्टी को स्वस्थ बनाता है, बल्कि पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. ऑर्गेनिक खेती करने वाले ऐसे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता चाहते हैं, उनके लिए नीम पाउडर का प्रयोग एक समझदारी भरा कदम हो सकता है. केमिकल बेस्‍ड कीटनाशकों की जगह नीम बेस्‍ड प्रॉडक्‍ट्स फसल को स्वस्थ रखते हैं और मिट्टी की उर्वरा भी बढ़ाते हैं. 

नीम पाउडर कैसे बनता है

नीम का पाउडर सूखे नीम के बीज, फल या पत्तियों को पीसकर तैयार किया जाता है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल, फंगीसाइडल और कीटनाशक गुण होते हैं. नीम के पाउडर में पाए जाने वाले यौगिक जैसे अजादिरैक्टिन (Azadirachtin) कीटों को नष्ट करने और उनके प्रजनन को रोकने में मदद करते हैं. यह पूरी तरह जैविक उत्पाद है, इसलिए इसका इस्तेमाल मिट्टी और पर्यावरण के लिए बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है.

टमाटर की खेती में कैसे करें प्रयोग 

टमाटर की खेती में नीम पाउडर का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है. रोपाई से पहले, प्रति एकड़ खेत की मिट्टी में 10 से 15 किलो नीम पाउडर अच्छी तरह मिलाना चाहिए. इससे मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीट, फफूंद और निमेटोड खत्म हो जाते हैं. इसके अलावा, जब पौधे 20-25 दिन के हो जाएं, तब प्रति एकड़ 5 किलो नीम पाउडर को गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट के साथ मिलाकर देना लाभदायक होता है. इससे पौधों की जड़ों की ग्रोथ बेहतर होती है और फसल मजबूत बनती है.

कीट और रोग नियंत्रण में कारगर 

टमाटर की फसल पर अक्सर फल छेदक कीट, सफेद मक्खी, एफिड्स और लीफ माइनर जैसे कीटों का हमला होता है. नीम पाउडर इन कीटों के जीवन चक्र को बाधित कर देता है, जिससे वे पौधे को नुकसान नहीं पहुंचा पाते. यह फफूंदी जनित रोगों जैसे ब्लाइट और लीफ स्पॉट को भी रोकने में मदद करता है. नियमित रूप से नीम पाउडर या नीम के घोल का छिड़काव करने से फसल पर किसी भी तरह के रासायनिक कीटनाशक की आवश्यकता नहीं पड़ती.

बढ़ती है मिट्टी की उर्वरता

नीम पाउडर केवल कीट नियंत्रण तक सीमित नहीं है. यह मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन को स्थिर रखता है और जैविक गतिविधि को बढ़ावा देता है. इससे मिट्टी की संरचना सुधरती है और पौधों की जड़ें गहराई तक विकसित होती हैं. इसके प्रयोग से टमाटर के फल अधिक चमकदार, रसदार और लंबे समय तक टिकने वाले बनते हैं.

ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए बेस्‍ट 

आज के समय में जब लोग केमिकल फ्री फल-सब्जियां पसंद कर रहे हैं, तो नीम पाउडर जैविक टमाटर उत्पादन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है. यह लागत को कम करता है और उत्पाद की मार्केट वैल्यू को बढ़ाता है. खास बात यह है कि इसके उपयोग से मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता भी बनी रहती है, जिससे अगली फसल भी बेहतर होती है.

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