बकरी में दिखे ये लक्षण तो समझ जाएं पेट में कीड़े हैं, बचाव का जान लें तरीका

बकरी में दिखे ये लक्षण तो समझ जाएं पेट में कीड़े हैं, बचाव का जान लें तरीका

बकरी के पेट में कीड़े होने पर उनके फेफड़े और लीवर पर असर पड़ता है. दरअसल, बरसात या अन्य दिनों में जब बकरियां कोई नुकसान वाली घास या पत्तियों को खा लेती हैं तब उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं बकरियों के पेट में कीड़े होने पर कैसे बचाव करें.

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बकरी में दिखे ये लक्षण तो समझ जाएं पेट में कीड़े हैं, बचाव का जान लें तरीकाबकरियों के पेट में कीड़े

देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में बकरी पालन का रोजगार काफी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन बकरी पालन में पशुपालकों को कई बार बकरियों में होने वाली बीमारियों को लेकर सतर्क रहना पड़ता है. ऐसे में अगर बकरियों में भूख कम लगना, कमजोरी होने जैसे लक्षण दिखें तो समझ जाएं कि उनके पेट में कीड़े हैं. वैसे तो पशुओं के पेट में कीड़े की बीमारी आम मानी जाती है. लेकिन ये बीमारी कई बार बकरियों को काफी नुकसान पहुंचाती है. साथ ही इस रोग के होने से पशुपालकों को भी घाटे का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इस बीमारी के होने पर बकरियां कम दूध देने लगती हैं.

पेट में कीड़े होने के लक्षण

बात करें पेट में कीड़े होने के लक्षण कि तो इसमें बकरियों को भूख कम लगती है, कमजोरी हो जाती है. इसके अलावा पेट बड़ा होने लगता है. वहीं, कई बार बकरियां कमजोरी होने के कारण दूध देना बंद कर देती हैं. साथ ही बकरियों का वजन कम होने लगता है, दस्त होने लगता है, बालों का झड़ना शुरू हो जाता है, गले में सूजन और खून की कमी हो जाती है. इसलिए ये बीमारी बकरियों के लिए कई बार जानलेवा भी हो जाती है.

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कीड़े से बचाव के ये हैं उपाय

  • पेट में कीड़े होने पर बकरियों को कृमिनाशक की खुराक देनी चाहिए.
  • छह महीने या उससे अधिक उम्र के सभी बकरियों को साल में दो बार कृमिनाशक दवा देनी चाहिए.
  • कृमिनाशक दवा पहली बार बरसात के पहले और दूसरी बार बरसात के अंत में देनी चाहिए.
  • यदि उपचार से बकरी को फायदा नहीं हो रहा है तो उसके गोबर को पशु चिकित्सक से जांच कराकर ही दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए.
  • इसके अलावा सप्ताह में एक बार नीम की पत्तियां देने से भी कीड़े का सफाया हो सकता है.
  • बकरियों को नीम और गिलोय की पत्तियां खिलाएं. इससे उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आती है.
  • अगर अमरुद, नीम और मोरिंगा की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे.
  • बकरियों को बेकिंग सोडा खिलाएं. यह पाचन संबंधी समस्याओं में सहायता करता है.

ऐसे होते हैं बकरी के पेट में कीड़े

बकरी के पेट में कीड़े होने पर उनके फेफड़े और लीवर पर असर पड़ता है. दरअसल, बरसात या अन्य दिनों में जब बकरियां कोई नुकसान वाली घास या पत्तियों को खा लेती हैं तब उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं. पेट में कीड़े उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. बता दें कि बकरियों में पेट के कीड़े छोटे बच्चों यानी जो 6-8 माह तक की उम्र के होते हैं उनमें ज्यादा देखे जाते हैं.

इन बातों की भी रखें सावधानी

  • प्रतिदिन सुबह बकरियों की जांच करें. जो बकरी बीमार हो उसे बाकी बकरियों से अलग रखें नहीं तो दूसरी बकरियों में भी रोग फैलने की संभावना रहती है.
  • बीमार बकरी को चरने के लिए ना छोड़ें और अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
  • हर तीन महीने में बकरियों को कृमिनाशक दवाई पिलाएं. खासतौर पर बरसात के पहले और बरसात के बाद यह बहुत आवश्यक है.
  • बरसात के दिनों में बकरियों के कोठे की जमीन पर चूने का छिड़काव करें.
  • बकरियों का नियमित रूप से टीकाकरण करवाएं और कृमिनाशक दवाई पिलाएं और अपने पशु चिकित्सक से संपर्क बनाए रखें.
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