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अमरूद बागानों में फल मक्खी का अटैक, उत्पादन और क्वालिटी में सुधार के लिए कृषि वैज्ञानिक ने बताए उपाय 

अमरूद बागानों में फल मक्खी का अटैक, उत्पादन और क्वालिटी में सुधार के लिए कृषि वैज्ञानिक ने बताए उपाय 

कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि बरसात मे अमरूद की फसल लेते समय सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है. क्योंकि, इस समय फल मक्खी का प्रजनन तेज होता है. फल मक्खी अमरूद के फूल और पत्ती और फल पर अंडे दे देती है, जिससे काले निशान पड़ने लगते हैं और फल का गूदा खराब होने लगता है. शुरुआत में यह दिखता नहीं है. ऐसे में किसानों को पेड़ के फूलों पर ध्यान देने की जरूरत होती है.

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सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने अमरूद बागानों में फल मक्खी कीट से बचाव के तरीके बताए हैं. सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने अमरूद बागानों में फल मक्खी कीट से बचाव के तरीके बताए हैं.

अमरूद बागानों में इन दिनों फल मक्खी (fruit fly) कीट का प्रकोप बढ़ गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत अन्य अमरूद उत्पादक राज्यों में किसान फल मक्खी कीट के हमले से उपज घटने और क्वालिटी में गिरावट की चिंताओं से परेशान हैं. फल मक्खी कीट के नियंत्रण के लिए राजस्थान कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को उपाय बताए हैं. इसके अलावा उन्होंने फल उपज और क्वालिटी सुधार के साथ ही कीट नियंत्रण के तरीके भी किसानों को बताए हैं. 

अमरूद के बागानों में इन दिनों फल ग्रोथ स्टेज पर है. ऐसे में राजस्थान कृषि विभाग की ओर से सवाई माधोपुर जिले के सुरवाल में सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने अमरूद किसानों को फल मक्खी के प्रकोप से फसल बचाने के उपाय बताए हैं. सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन कहा कि अमरूद बगीचों के अंदर फ़ल मक्खी के प्रकोप को देखा जा रहा है. 

पत्ती-फल पर काले निशान दिखें तो सावधानी बरतें  

कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि बरसात की फसल लेते समय किसानों को सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है. क्योंकि, बारिश के चलते इस फल मक्खी का प्रजनन तेज होता है और इसका प्रकोप भी बढ़ता है. उन्होंने कहा कि बागान में जब अमरूद के पेड़ पर फूल आते हैं या जब फल बनने की शुरुआती अवस्था होती उस समय फल मक्खी अंडे देती है. अंडे देने से फूल और पत्ती की पोषकता पर असर पड़ता है, जिससे फल का गूदा खराब होने लगता है. शुरुआत में यह दिखता नहीं है. ऐसे में किसान को पेड़ के फूलों पर ध्यान देने की जरूरत होती है.

फल मक्खी कीट के प्रकोप से पत्तियों पर काले धब्बे दिखने लगते हैं.

किसान देखेंगे तो उन्हें पेड़ की पत्तियों और फूलों के साथ ही फलों पर काले रंग के निशान दिखते हैं. ऐसी स्थिति में अंदर से फल पूरी तरह सड़ जाता है तो इसके नियंत्रण के लिए सबसे अच्छा तरीका है ट्रैप सिस्टम लगाना. 

एक बीघा खेत में 5 ट्रैप सिस्टम लगाएं 

फल मक्खी ट्रैप लगाने का सही तरीका है जमीन से 3-4 फीट ऊंचाई पर ट्रैप को लटकाना होता है. क्योंकि इसी ऊंचाई पर फल मक्खी उड़ती है. जब वह विचरण शुरू करती है तो इस ट्रैप में फंस जाती है. सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने कहा कि किसान एक बीघा खेत के अंदर लगभग 5 ट्रैप सिस्टम लगा सकते हैं. खास बात ये है कि नर फल मक्खी कीट आसानी से इस ट्रैप के अंदर आ जाते हैं. 

यह ट्रैप सिस्टम लगभग 2 महीने तक काम करता है. इस ट्रैप के अंदर कई प्रकार की कीट नर और मादा मक्खियां आ जाती हैं. इस ट्रैप के जरिए अमरूद बागान किसान आसानी से इन्हें कम करके फल को बचा सकते हैं. 

फल मक्खी कीट के लिए ट्रैप सिस्टम.

इस दवा का छिड़काव करें अमरूद किसान 

सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन कहा कि इसके अलावा अमरूद बागान किसान फल मक्खी को खत्म करने वाली दवा प्रोफेनोफोस 40 CC आती है, उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि 2 मिली लीटर प्रोफेनोफोस 40 CC दवा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर बागान में छिड़काव करना चाहिए. इससे फल मक्खी कीट का आसानी से नियंत्रण हो जाता है.

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