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मिट्टी की कमी को पूरा करते हैं नारियल के रेशे, इससे सब्जी भी उगा सकते हैं

मिट्टी की कमी को पूरा करते हैं नारियल के रेशे, इससे सब्जी भी उगा सकते हैं

नारियल का रेशा भारी गैसों को अवशोषित करके पर्यावरण को शुद्ध भी रखता है. इस तकनीक का इस्तेमाल ज्यादातर विदेशों में किया जाता है, लेकिन अब भारत में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. खासकर मेट्रो सिटि में रह रहे लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

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नारियल के रेशों का ऐसे करें इस्तेमाल नारियल के रेशों का ऐसे करें इस्तेमाल

नारियल के फल का उपयोग जितना अधिक होता है, उतना ही उपयोग अब इसके छिलके का भी होने लगा है. जिसके अक्सर हम वेस्ट समझकर फेंक देते हैं. आपको बता दें नारियल के रेशे में कई प्रकार के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पौधों के विकास के लिए जरूरी हैं. नारियल की भूसी और खाद (कोकोपीट तकनीक) से तैयार कृत्रिम मिट्टी की यह तकनीक छोटे पैमाने पर छत पर खेती करने वाले लोगों के लिए बहुत प्रभावी है. पर्याप्त मिट्टी न मिलने के बावजूद बागवानी के शौकीन लोग इसके जरिए आसानी से खेती और बागवानी कर सकते हैं.

ऐसे होता है नारियल के रेशों का इस्तेमाल

नारियल का रेशा भारी गैसों को अवशोषित करके पर्यावरण को शुद्ध भी रखता है. इस तकनीक का इस्तेमाल ज्यादातर विदेशों में किया जाता है, लेकिन अब भारत में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. खासकर मेट्रो सिटि में रह रहे लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. बागवानी में रुचि रखने वाले लोग अक्सर जमीन की कमी के कारण अपने घरों की छतों या बालकनी में खेती करते हैं. इसके लिए पानी और खाद तो आसानी से मिल जाता है लेकिन मिट्टी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती. ऐसे में कोकोपीट तकनीक का इस्तेमाल एक अच्छा उपाय है. इस तकनीक में कम मिट्टी के साथ रेशेदार नारियल के छिलके का उपयोग किया जाता है.

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मिट्टी की कमी पूरा करते हैं ये रेशे

इन रेशों के साथ-साथ जैविक खाद का भी उपयोग किया जाता है. खास बात यह है कि ये रेशे मिट्टी की कमी को आसानी से पूरा कर सकते हैं. इस तकनीक से लोग छतों पर फूलों के साथ-साथ हर तरह की सब्जियों और फलों का उत्पादन कर सकते हैं. अगर आप गमलों में कुछ उगाने की सोच रहे हैं तो नारियल का छिलका एक बेहतर विकल्प है. जिनके पास बगीचा या लॉन नहीं है वे गमलों में ही पौधे लगाते हैं. ऐसे में समस्या आती है कि मिट्टी कहां से लाएं, इसलिए आप इन नारियल रेशों का पाउडर बनाकर खाद के साथ गमलों में भरकर पौधे लगा सकते हैं.

इन तरह करें उपयोग

जब भी आप नारियल लाएं तो उसे छीलकर रख लें और जब बहुत ज़्यादा हो जाए तो उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और मिक्सर में या पत्थर पर या ओखली में पीस लें. फिर इसका पाउडर निकालकर अलग कर लें. अगर आप इसे हाथ से हिलाएंगे तो रेशे अलग हो जाएंगे या आप इसे मध्यम आकार की छलनी से भी छान सकते हैं. उसके बाद आप नारियल के रेशों का इस्तेमाल मिट्टी की जगह आसानी से कर सकते हैं. यह मिट्टी के साथ-साथ खाद का भी काम करता है.