सुबह और शाम धीरे-धीरे ठंड का एहसास होने के साथ किसान रबी फसलों की खेती की ओर जुट गए हैं. जहां अभी अधिकांश खेतों में खरीफ सीजन की धान की फसल लगी हुई है, वहीं जिन खेतों में धान की खेती नहीं हुई है, वहां किसान रबी सीजन से जुड़ी हुई फसल गेहूं को छोड़कर अन्य फसलों की खेती में जुट गए हैं.
इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक भी रबी सीजन में मक्का, चना, मटर, राजमा, मेथी, लहसुन और धनिया की बुवाई करने का सुझाव दे रहे हैं. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा रबी सीजन में इन फसलों की खेती के लिए तैयारी शुरू करने के साथ-साथ खेतों की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है.
लहसुन की बुवाई के लिए कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि यह समय इसकी बुवाई के लिए काफी उपयुक्त है. लहसुन की बुवाई छोटी-छोटी क्यारियों में करें, जिनका आकार चौड़ाई 1 से 2 मीट और लंबाई 3 से 5 मीटर के आसपास होना चाहिए. प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकास के लिए नाली का प्रबंध करना जरूरी है.
इसके साथ ही किसान लहसुन की खेती के लिए गोदावरी (सेलेक्शन 1), श्वेता (सेलेक्शन 10), एग्रीफाउंड डार्क रेड (जी11), एग्रीफाउंड व्हाइट (जी41), एग्रीफाउंड पार्वती (जी313), जमुना सफेद 2 (जी50), जमुना सफेद 4 (जी323), और आर यू (जी 5) के बीजों का चयन कर सकते हैं.
वहीं, प्रति हेक्टेयर 300 से 500 किलोग्राम बीज का प्रयोग करना चाहिए. इसके साथ ही खेत की जुताई में प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल कंपोस्ट, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस, 80 किलोग्राम पोटाश और 20 से 40 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करना चाहिए. यदि किसान इन बातों का ध्यान रखें तो उनकी लहसुन की फसल अच्छी होगी.
जो किसान धनिया की खेती करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय सही है. धनिया बुवाई के लिए किसानों को राजेंद्र स्वाती, पंत हरीतिमा, कुमारगंज सेलेक्शन, हिसार आनंद धनिया की किस्म का चयन करना चाहिए. यह आधिकारिक प्रमाणित बीज हैं. किसान प्रति हेक्टेयर 18 से 20 किलोग्राम बीज का उपयोग कर सकते हैं.
इसके साथ ही 30 बाई 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई करनी चाहिए. धनिया की बुवाई से पहले उसके बीज का उपचार जरूर करें. इसके साथ ही बुवाई से पहले किसान खेत की जुताई करें और इसमें 100 से 150 क्विंटल सड़े गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस, और 30 किलोग्राम पोटाश का प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.
रबी फसलों की खेती में किसान कई तरह की फसलों की खेती करते हैं, जिनमें से कुछ ऐसी फसलें हैं जिनके लिए यह समय सही है. किसान मक्का, चना, मटर, राजमा और मेथी की बुवाई भी कर सकते हैं. इनकी बुवाई से पहले खेतों की सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है ताकि खरपतवार खेतों में न रहे.
इसके साथ ही खेतों के आसपास की नालियों और रास्तों में लगे जंगलों की सफाई भी करनी चाहिए, क्योंकि इन जगहों में कई तरह के कीड़े रहते हैं जो फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रति हेक्टेयर खेत जुताई से पहले किसान डेढ़ सौ से 200 क्विंटल सड़े गोबर का उपयोग जरूर करें.
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