मंगल ग्रह रहने लायक है या नहीं, इसके लिए कई रिसर्च चल रहे हैं. इसमें कई देशों के वैज्ञानिक लगे हैं. इस बीच एक अच्छी खबर ये आई है कि मंगल ग्रह पर पाई जाने वाली मिट्टी में वैज्ञानिकों ने सब्जियां उगाने में सफलता पा ली है. उस ग्रह पर जो मिट्टी पाई जाती है, उसे सब्जी उगाने के लिए उपयुक्त माना गया है. हालांकि उस मिट्टी को तैयार करने में वैज्ञानिकों को बड़ा काम करना पड़ा है. ये वैज्ञानिक अमेरिकी अंतरीक्ष एजेंसी नासा से जुड़े हैं.
मंगल ग्रह से जो मिट्टी लाई गई उसे नासा के वैज्ञानिकों ने सब्जी उगाने लायक बनाया क्योंकि उस ग्रह की मिट्टी में कोई कार्बनिक तत्व मौजूद नहीं थे. ऐसे में यह संभव नहीं था कि नासा ग्रह की मिट्टी में सब्जी या कोई और फसल उगाई जा सके. नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल की मिट्टी में पोषक तत्व मिलाए और उसे सब्जी उगने लायक बनाया.
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अमेरिकी एजेंसी नासा 2030 तक मंगल ग्रह को इंसानों के रहने लायक बनाने के लिए शोध कर रहा है. 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने के लिए भी परीक्षण किया जा रहा है. नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि जब इंसान मंगल ग्रह पर जाएगा और बसेगा तो उसे कई जरूरी चीजों की जरूरत होगी. जिंदगी जीने के लिए उसे कई तरह के खाद्य सामान चाहिए होंगे. इसके लिए इंसान को अपने साथ उन चीजों को लेकर जाना होगा जोकि बहुत महंगा साबित होगा. आखिर रॉकेट से कितना सामान वहां भेजा जा सकेगा.
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इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक इस तैयारी में हैं कि मंगल ग्रह पर आहार की व्यवस्था की जाए और इसके लिए सब्जी उगाना सबसे जरूरी है. ICAR की पत्रिका फल-फूल ने जर्नल प्लोस वन के हवाले से लिखा है कि एक अध्ययन में यह जानकारी मिली है कि वैज्ञानिकों ने सब्जियां उगाने के लिए मंगल ग्रह के ग्रीनहाउस जैसा वातावरण तैयार किया जिसमें गैस, तापमान और नमी को नियंत्रित किया गया.
इस शोध में नेदरलैंड्स के वागेनींगन यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च के वैज्ञानिकों ने सब्जियां उगाने के लिए माया सभ्यता के किसानों की तकनीक को अपनाया. इस तकनीक में एक साथ कई फसलों को उगाया जा सकता है. इसे इंटरक्रॉपिंग भी कहते हैं जिसमें कई फसलें एक ही खेत में एक साथ लगाई जाती हैं. इसमें ऐसे पौधे लगाए जाते हैं जो एक दूसरे को उगने में मदद करें. इस तकनीक में पानी और पोषक तत्वों का सही सही उपयोग हो पाता है. इस तकनीक की मदद से वैज्ञानिकों ने मटर, गाजर और चेरी टमाटर उगाने में कामयाबी हासिल की है. अच्छी बात ये है कि धरती की मिट्टी में उगने वाली सब्जियों से मंगल ग्रह की सब्जियां बड़ी और उत्पादन दोगुना मिला. पौधे का हर हिस्सा स्वस्थ भी देखा गया. हालांकि मटर और गाजर में इंटरक्रॉपिंग के चलते उपज में अधिक बढ़त नहीं देखी गई.
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