खेतों में खड़ी फसलों पर हमेशा कीटों का प्रकोप मंडराता रहता है. जिस वजह से यह किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इस समस्या से निजात पाने के लिए किसान आए दिन कोई ना कोई उपाय खोजते रहते हैं. कीटों से छुटकारा पाने के लिए किसान ज़्यादातर स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं. स्प्रे की मदद से कीटों पर दवाइयों का छिड़काव किया जाता है. ऐसे में इस काम के लिए हैंड स्प्रेयर काफी कुशल है. स्प्रे की मदद से सीधा कीटों पर छिड़काव कर सकते हैं. ऐसे में क्या है हैंड स्प्रेयर और उसकी विशेषता आइए जानते हैं.
हैंड स्प्रेयर एक छोटी क्षमता वाला न्यूमेटिक स्प्रेयर है. इसमें 0.5 से 3 लीटर (एक लीटर सबसे उपयुक्त माना जाता है) की क्षमता वाला क्रोमियम-प्लेटेड पीतल का टैंक होता है. जिसे प्लंजर पंप द्वारा दबाया जाता है. एयर पंप, टैंक के अंदर रहता है. स्प्रेयर के पास से एक छोटी डिलीवरी ट्यूब होती है जिसमें एक कोन नोज़ल जुड़ा होता है. कुछ मॉडलों में, टैंक के शीर्ष पर एक लीवर के साथ नोजल जुड़ा होता है, जो स्प्रे के प्रवाह को नियंत्रित करता है.
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छिड़काव के लिए, टैंक को आमतौर पर तीन-चौथाई क्षमता तक भरा जाता है और एक वायु पंप द्वारा दबाव डाला जाता है. आमतौर पर, इस प्रकार के स्प्रेयर से निलंबन विशेषताओं वाले रसायनों का प्रभावी ढंग से छिड़काव नहीं किया जा सकता है.
हैंड स्प्रे के प्रयोग से किसान खेतों में छिड़काव का कार्य आसानी से कर सकते हैं. हैंड स्प्रे की मदद से समय की भी बचत की जा सकती है. हालांकि ड्रोन के जमाने में अब हैंड स्प्रे का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. लेकिन अभी भी मध्यमवर्गीय और सीमांत किसान फसलों पर छिड़काव के लिए हैंड स्प्रे का इस्तेमाल करते रहे हैं. आपको बता दें कि हैंड स्प्रेयर का इस्तेमाल बगीचों और कम रेडियस वाली जगहों पर किया जाता है.
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