देशभर में 600 लाख टन क्षमता वाले साइलो बनाने की तैयारियां चल रही हैं. अनाज भंडारण के लिए देशभर में केंद्र सरकार साइलो बना रही है. साइलो ठीक उसी तरह काम करते हैं जैसे आलू की फसल को कोल्ड स्टोरेज संस्थानों में स्टोर करना. गेहूं, चावल की बर्बादी रोकने के लिए साइलो का निर्माण किया जा रहा है. साइलो बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है. साइलो के जरिए चावल आदि के थोक स्टोरेज टेक्नोलॉजी की जानकारी देने के लिए इस क्षेत्र की कंपनी हार्वेस्टेक ने ऑनलाइन एजूकेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है.
एनडीए गठबंधन सरकार के तीसरे टर्म के सितंबर महीने में 100 दिन पूरे होने के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गेहूं की बर्बादी रोकने के लिए देशभर में 34 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता वाले साइलो का निर्माण किया जाएगा. जबकि, देशभर में 600 लाख टन क्षमता वाले साइलो बनाने की तैयारियां चल रही हैं. केंद्र के निर्देश पर भारतीय खाद्य निगम पीपीपी मॉडल के तहत 35 लाख टन क्षमता से लैस मॉडर्न गेहूं साइलो के निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर जारी करेगा. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार अनाज भंडारण के लिए साइलो मैकेनिकल और मॉडर्न सॉल्यूशन है. साइलो थोक स्टोरेज के लिए गोदाम की तरह काम करता है. यह वातानुकूलित होता और कम जगह में ज्यादा अनाज स्टोर किया जा सकता है.
अनाज स्टोरेज के लिए साइलो की जरूरत को देखते हुए युवाओं, कामकाजी और कारोबारी वर्ग के लिए यह करियर और बिजनेस का अच्छा मॉडल बनकर उभरा है. साइलो निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी से 80 फीसदी तक अनुदान भी दिया जाता है. भविष्य में साइलो की बढ़ती जरूरत संभावनाओं को देखते हुए गुरुग्राम स्थित फूड ग्रेन स्टोरेज और सर्विस फर्म लोटस हार्वेस्टेक ने चावल मिलिंग, थोक स्टोरेज टेक्नोलॉजी के लिए ऑनलाइन एजूकेशन प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया है. यह प्लेटफॉर्म थोक अनाज स्टोरेज और चावल मिलिंग टेक्नोलॉजी के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन बताया गया है.
लोटस हार्वेस्टेक के अनुसार ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म के जरिए वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए चावल मिलिंग और अनाज थोक स्टोरेज तकनीक की ट्रेनिंग हासिल कर सकते हैं. कंपनी के प्रबंध निदेशक मुनीश्वर वासुदेव ने बिजनेसलाइन को बताया कि हमने मार्च में इस नॉलेज शेयरिंग प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया था. उन्होंने कहा कि चावल मिलिंग टेक्नोलॉजी और थोक स्टोरेज पर शायद ही कभी चर्चा की जाती है, जबकि इसमें बहुत संभावनाएं हैं.
बांग्लादेश को चावल स्टोरेज के लिए स्टील साइलो बनाने में मदद करने वाले मुनीश्वर वासुदेव ने कहा कि वर्किंग प्रोफेशनल्स लिखित सामग्री से जानकारी ले सकते हैं. जबकि वे साइलो की गहनता से तकनीक समझने के वीडियो कॉन्फ्रेंस बुक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि साइलो स्टोरेज तकनीक से अनाज की बर्बादी रुकेगी. उन्होंने कहा कि थोक स्टोरेज ऑपरेशन के बुनियादी स्टैंडर्ड को जानने की जरूरत है. इस कमी को दूर करने के लिए लोटस हार्वेस्टेक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म लेकर आई है. जिसके जरिए इंजीनियरिंग, निर्माण प्रक्रिया, संचालन, ग्रीनफील्ड फ्लैट स्टोरेज और ब्राउनफील्ड फ्लैट स्टोरेज, चावल मिलिंग तकनीक आदि की जानकारी दी जाएगी.
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