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वैज्ञानिकों ने विकसित की गजब की तकनीक, अब एक ही पौधे में उगाए आलू और टमाटर, 45 दिन में फसल तैयार

वैज्ञानिकों ने विकसित की गजब की तकनीक, अब एक ही पौधे में उगाए आलू और टमाटर, 45 दिन में फसल तैयार

बारामती एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से खेती के लाइव डेमोंसट्रेशन की प्रदर्शनी चल रही है. इस प्रदर्शनी में कलम तंत्र तकनीक किसनों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है. बारामती कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कलम तंत्रज्ञान की मदद से आलू के पौधे पर टमाटर उगाया है.

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आलू के पोधे से टमाटर का उत्पादन. आलू के पोधे से टमाटर का उत्पादन.

बागवानी की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. अब वे एक ही पौधे से आलू और टमाटर का उत्पादन हासिल कर सकते हैं. पौधों के ऊपर टमाटर के फल लगेंगे तो उसकी जड़ों के नीचे से आलू का उत्पादन होगा. कहा जा रहा है कि इस नई तकनीक के आने से किसानों की बंपर कमाई होगी. दरअसल, महाराष्ट्र स्थित बारामती एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट के कृषि विज्ञान केंद्र ने इस तकनीक को विकसित किया है. खास बात यह है कि वैज्ञानिकों ने इसे पॅमेटो नाम दिया है. टमाटर के अलावा वैज्ञानिकों ने बैंगन के पौधे में कद्दू उगाने में भी कामयाबी हासिल की है.

दरअसल, बारामती एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से खेती के लाइव डेमोंसट्रेशन की प्रदर्शनी चल रही है. इस प्रदर्शनी में कलम तंत्र तकनीक किसनों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है. बारामती कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कलम तंत्रज्ञान की मदद से आलू के पौधे पर टमाटर उगाया है. खास बात यह है कि इस सफलता के लिए एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है. एक पौधे पर तकरीबन कई किलो टमाटर लगे हुए हैं. 

क्या होता है कलम तंत्रज्ञान

वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ तुषार जाधव ने किसान तक से बात करते हुए कहा कि बारामती में कलम तंत्रज्ञान की मदद से कई फसलों पर काम किया जाता है. आलू के पौधे में जैसे टमाटर उगाया जाता है, उसी तकनीक से बैंगन की फसल के ऊपर टमाटर का पौधा लगाया जाता है. ऐसे कई फसलों में यहां कलम तंत्रदान विकसित किया है. किसान ऑफ सीजन में भी इस तकनीक से खेती कर सकते हैं. इस प्रदर्शनी में ग्राफ्टिंग विधि से वैज्ञानिकों ने आलू और टमाटर को एक ही पौधे पर उगाया है. यहां के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से किसानों को खासा लाभ होगा. उन्हें दो फसल उगाने के लिए अलग- अलग स्पेस की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

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इतने दिन में तैयार हो जाएगी फसल

बारामती के कृषि विज्ञान केंद्र में खेती के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. ग्राफ्टिंग के जरिए आलू के पौधे में टमाटर जोड़ा गया है. नियमित तौर पर उसकी देखभाल की गई. जब आलू और टमाटर दोनों की कलियां आनी शुरू हो गईं, तो उसके खाद-पानी का बराबर ख्याल रखा. 45 से 60 दिन में आलू और टमाटर की पैदावार होने लगी.

इतने का होगा मुनाफा

खास बात है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से फसल को वातावरण के अनुसार खाद, पानी और उर्रवक दिए जाते हैं. तुषार जादव ने बताया कि 50 हजार रुपये खर्च कर किसान 6 महीने में दोनों फसलों से डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकता है. उनका कहना है कि एक पौधे से दो किलो टमाटर और लगभग सवा किलो आलू ले सकते हैं. बालकनी, टेरेस या घर की छत पर इस तरह की किचन गार्डनिंग की जा सकती है.

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