भारत में अब सेकेंड हैंड ट्रैक्टर का बाजार भी खूब बढ़ रहा है. सेकेंड हैंड ट्रैक्टर को लेकर किसान अब काफी जागरुक हो गए हैं और कम पैसे में एक अच्छी मशीन खरीद लेते हैं. लेकिन सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदने में कुछ किसान चूक भी कर देते हैं. फिर या तो ट्रैक्टर में इंजन से संबंधी खराबियां झेलनी पड़ती हैं या फिर दूसरे खर्चे जेब ढीली करा देते हैं. इसलिए आज हम आपको पुराना ट्रैक्टर खरीदते वक्त एक ऐसी चीज बता रहे हैं जिसे ज्यादातर किसान डील करते वक्त चेक नहीं करते हैं. यही एक चूक आखिरी मौके पर आपका मोटा खर्चा करा देती है.
दरअसल, जब किसान भाई ट्रैक्टर लेने जाते हैं तो अपने स्तर पर इसकी अच्छे से पड़ताल करते हैं. कोई ट्रैक्टर की टेस्ट ड्राइव लेता है तो कोई एक-एक पार्ट की बारीकी जांच करता है. इसके साथ ही टायरों से लेकर ट्रैक्टर की बैट्री तक को अच्छे से चेक करते हैं. इसके साथ ही किसान भाई पुराना ट्रैक्टर लेते वक्त उसके कागज भी देखते हैं, जिसमें ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से लेकर इसका बीमा और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी शामिल होता है.
लेकिन चूक तब होती है जब किसान इस पुराने ट्रैक्टर के सिर्फ कागज देखकर संतुष्ट हो जाते हैं. बहुत हुआ तो मालिक से थोड़ी बहुत और पूछताछ कर लेते हैं. मगर जब ट्रैक्टर की डील होने के बाद आप इसके वर्तमान मालिक को कुछ एडवांस पैसा दे देते हैं. फिर इस ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन अपने नाम पर ट्रांसफर के लिए आरटीओ ऑफिस पहुंचते हैं तो पता चलता है कि ट्रैक्टर पर तो कई सारे चालान चढ़े हुए हैं.
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अगर मालिक बहुत ज्यादा लापरवाह हुआ तो ये चालान कई हजार रुपये तक के हो सकते हैं. ऐसे में फिर इस पुराने ट्रैक्टर की डील में उसके मालिक और खरीददार के बीच विवाद पैदा होता है. क्योंकि रिजस्ट्रेशन बनावाने के दौरान ट्रैक्टर का मालिक आपसे ये भी कह सकता है कि ये पैसे वह अपनी जेब से नहीं भरेगा, ये चीज तो आप यानी लेने वाले को पहले ही चेक कर लेना चाहिए. इसके बाद या तो ट्रैक्टर खरीदने वाला किसान अपनी जेब से चालान भरता है या फिर कई बार ट्रैक्टर की डील ही रद्द हो जाती है.
इसलिए अगर आप भी कोई पुराना ट्रैक्टर खरीदने जा रहे हैं तो इसके चालान चेक जरूर कर लें. ट्रैक्टर या किसी भी तरह के वाहन के चालान चेक करना भी बेहद आसान है और इसे आप मिनटों में अपने फोन से ही ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. किसी भी ट्रैक्टर का चालान चेक करने के लिए आपको इसका रजिस्ट्रेशन नंबर चाहिए होगा, जो आप वर्तमान मालिक से मांग सकते हैं.
इसके बाद भारत सरकार की वेबसाइट https://echallan.parivahan.gov.in/ पर जाएं. वेबसाइट खुलते ही रजिस्ट्रेशन से देखकर वाहन नंबर भर दें और कैप्चा डालकर हरा बटन दबा दें. इसके बाद उस ट्रैक्टर पर अगर कोई पेंडिंग चालान होगा तो यहां दिख जाएगा. ये चेक करने के बाद आप पुराना ट्रैक्टर लेते वक्त और भी ज्यादा मोलभाव कर सकते हैं.
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